हमले के विरोध में सीकर बंद का मिलाजुला असर

हमले के विरोध में सीकर बंद का मिलाजुला असर 

सीकर । सर्व समाज के आह्वान के साथ भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से शुक्रवार को सीकर बंद आंशिक रहा। लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी के साथ कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष महरिया के जानलेवा हमले एवं अपहरण के प्रयास के मामले में न्याय की मांग को लेकर सीकर बंद का आह्वान किया गया था।
राजनीतिक दखल के चलते बंद को विफल बनाने के लिए तथाकथित व्यापारी संगठनों की ओर से बंद के विरोध में गुरूवार रात जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सुरक्षा की मांग की गई। जिला प्रशासन की ओर से भी सक्रीयता दिखाते हुए शुक्रवार को बंद की अपील करने निकले भाजपा के जिलाध्यक्ष विष्णु चेतानी सहित अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर बाजारों में धुमाकर अपनी कार्रवाई का प्रदर्शन किया। प्रशासन की सख्ती के साथ अपने प्रतिष्ठान के इर्द गिर्द घूम रहे व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोलने आरंभ कर दिए। ग्यारह बजे तक शहर की नब्बे प्रतिशत दुकाने रोजमर्रा की तरह खुल गई। सुबह स्थानीय जाट बाजार में एकत्र हुए भाजपा व व्यापार संघ के नेताओं ने बंद का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए शांति बनाए रखने की अपील की। 

जिलाध्यक्ष विष्णु चेतानी ने व्यापारियों से अपराधियों का हथियार नहीं बनने की अपील की। पूर्व जिलाध्यक्ष हरिरात रणवां ने प्रजातंत्र में अपनी बात मनवाने का सभी को अधिकार होने की बात कहते हुए शांत प्रदर्शन का राजनीतिकरण करने को निन्दनीय बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सीकर के इतिहास में पहली बार शहर के व्यापारियों को दो गुटों में बांटने का षडयंत्र रचा गया है हमें इससे सावधान रहना होगा। सभा में सांसद सुमेधानन्द सरस्वती सहित अन्य पदाधिकारी व व्यापारी संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
गुरूवार को बंद के विरोध में सीकर जिला संयुक्त महासंध के आजीवन मानद् अध्यक्ष पन्नालाल सारडा, सीकर व्यापार महासंध के अध्यक्ष रूधजी चौधरी, जिला सीकर व्यापार महासंध के संयोजक रूधजी चौधरी व सीकर औधोगिक क्षेत्र उधमी संध के अध्यक्ष कुंदनमल गोयल की ओर से जिला कलेक्टर को बंद के विरोध में ज्ञापन देकर बंद के दौरान व्यापारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात करने की मांग की गई।

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