हैरतअंगेज:मेडिकल कॉलेज में मरीज के पेट से निकले चमच, चाकू, टूथब्रश और पेचकश

मंडी । किसी व्यक्ति के पेट में ऑप्रेशन के बाद कैंची या पट्टियों के टुकड़े निकलना तो आम बात है। लेकिन किसी के पेट से एक साथ स्टील के च मच, चाकू, टूथब्रश व पेचकश आदि निकलना अपने आप में हैरतअंगेज मामला है। यह वाक्या मंडी जिला के नेरचौक स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज में सामने आया है।
मेडिकल कालेज में पेट पर एक मामूली पिंपल का ऑप्रेशन करने आए सुंदरनगर निवासी कर्ण सेन का चिकित्सकों द्वारा ऑप्रेशन किया गया तो वे यह देखकर हैरान रह गए कि उनके पेट में उपरोक्त सामान मौजूद था। 
मेडिकल कॉलेज में हुए इस ऑप्रेशन के दौरान कर्ण सेन के पेट से 8 स्टील के च मच, तेजधार चाकू, 2 टूथ ब्रश, 2 पेचकस और एक दरवाजे की कुंडी निकली। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक समेत मरीज के परिजन भी हैरान रह गए।
 मिली जानकारी के अनुसार मरीज कर्ण सेन (35 वर्ष) सुंदरनगर नगर परिषद के वार्ड नंबर-7 बनायक का रहने वाला है। कर्ण सेन के भाई आशीष गुलेरिया व जीजा सुरेश पठानिया के अनुसार 3 दिन पूर्व कर्ण सेन सुंदरनगर के पुराना बाजार स्थित हेल्थ केयर क्लिनिक में आया और डॉ. प्रदीप शर्मा द्वारा इसका इलाज किया गया। मरीज ने बताया कि उसके पेट पर एक पिंपल हुआ है। लेकिन दूसरे ही दिन उस जगह से पस निकलने लगा तो वहां पर डॉ. प्रदीप शर्मा द्वारा कट लगाया गया। इस पर वहां पर लोहे का एक टुकड़ा दिखाई दिया। 

उन्होंने कहा कि डॉ. प्रदीप शर्मा द्वारा मरीज को चेक करने पर मालूम हुआ कि यह एक नुकीला चाकू है। जिस पर डॉक्टर ने कर्ण को प्रारंभिक उपचार के बाद मैडीकल कॉलेज नेरचौक रेफर कर दिया गया। वहीं मेडीकल कॉलेज पहुंचते ही मौजूद सर्जन ने मरीज कर्ण सेन का एक्स-रे करवाने के लिए कहा। लेकिन एक्स-रे रिर्पोट में पाया गया कि मरीज के पेट के अंदर कई चीजें मौजूद है। सर्जन ने उसी समय कर्ण का आप्रेशन शुरू कर दिया गया।

 मेडिकल कॉलेज के सर्जन डॉ. निखिल सोनी, डॉ.सूरज भारद्वाज, डॉ.रनीश एनेस्थीसिया की डॉक्टर मोनिका पठानिया व स्टाफ नर्स अंजना की टीम ने 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कर्ण के पेट का सफल आप्रेशन कर 8 स्टील के चमच,एक नोकीला चाकू, 2 टूथ ब्रश, 2 पेचकस और एक दरवाजे की कुंडी निकालने में सफलता प्राप्त की। वहीं मरीज कर्ण सेन की हालत खतरे से बाहर है और मेडिकल कॉलेज नेरचौक में उपचाराधीन है। 

हैरानी की बात है कि इतना सारा सामान आखिर उसके पेट में कैसे गया। जबकि कर्ण सेन ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि उसने उपरोक्त चीजों को कभी निगलने का प्रयास किया है। वह अब तक इस सबसे अनभिज्ञ था। मरीज कर्ण सेन के भाई आशीष गुलेरिया ने कहा कि कर्ण पिछले 20 वर्षों से मानसिक तौर पर परेशान चल रहे थे और लगातर दवाई का सेवन कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि कर्ण सेन का ईलाज विभिन्न अस्पतालों में चला हुआ था। उन्होंने कहा कि कर्ण घर के कामकाज में लगातर हाथ बटाता था, लेकिन अब अचानक पेट में दर्द होने की वजह से अस्पताल लाया और ऑपरेशन करने के बाद पेट के अंदर से चाकू, च मच, पेचकस और कई अन्य प्रकार की लोहे की वस्तुए निकाली गई। 

 इधर, सर्जन एलबीएस मेडिकल कॉलेज, डॉ.सूरज भारद्वाज का कहना है कि इस प्रकार का मामला पहले नहीं देखा गया है। पहले मरीज द्वारा सिक्के, पिन आदि खाने के मामले सामने आए हैं,लेकिन यह मामला अपने आप में अनूठा है। मरीज की हालत खतरे से बाहर है और अभी मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन है।

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