स्कूल परिसर में ही छोड़ा तस्करी का कोयला 

बलरामपुर । कोयले की कालिख सें शिक्षा का मंदिर स्कूल भी अब अछूता नहीं है,ऐसा हम नहीं बल्कि शंकरगढ़ के शासकीय स्कूल दोहना के परिसर में 73 बोरों में करीब 4 टन सें अधिक रखें कोयला को देख यहां के ग्रामीण कह रहे  है।मामला बलरामपुर जिलें के शंकरगढ विकासखंड  अंतर्गत दोहना पंचायत के शासकीय स्कूल परिसर का है।  कोल तस्करी में शामिल यही के एक शिक्षक की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए यहां के ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी  है।इसके बाद शिक्षक को बुलाकार पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है।बताया जा रहा है कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित अवैध कोयला, ईट भट्ठो में लंबे समय से खपाया जा रहा है।इसी दौरान सोमवार को देर रात अवैध कोयले को ईट भट्ठे में खपाने के लिए ले जा रहा था।इसी दौरान वाहन खराब होने से यही पदस्थ आरोपित शिक्षक कलामुला के द्वारा स्कूल बाउंड्री के अंदर 73 बोरी करीब 4 टन अवैध कोयला डंप कर दिया गया। जिसकी अनुमानित लागत करीब 20 हज़ार रुपए बताई जा रही है,सुबह ग्रामीणों ने देख तत्काल पुलिस थाना को सूचना दी।मौके पर  पुलिस पहुंंचकर पंचनामा बनाकर अवैध कोयला को जब्त कर थाना प्रांगण में लाकर शिक्षक कलामुला से पूछताछ कर रही है।मामले पर थाना प्रभारी शंकरगढ़ प्रकाश राठौर  ने बताया है कि मामले की जांच पुलिस कर रही हैं।वहीं स्थानीय लोगों ने बताया हैं कि इस तस्करी में कई और सफेदपोश लोगों की संलिप्तता है।सभी राजनीतिक संरक्षण में शंंकरगढ़, केजगिमा और पटना जंगलो से अवैध कोयला बड़े पैमाने पर कोल माफियाओं के द्वारा निकाला जा रहा है।अवैध कोयला उत्खनन कार्य गांव के आदिवासी, कोरवा, पंडो जनजातियों से कराया जा रहा है।लंबे समय से.अवैध कोयला निकाल कर रातो-रात 407, पिकअप के माध्यम से अवैध ईट भठ्ठा में पहुचाकर खपाया जाता है। इसकी जानकारी सभी जिम्मेदार विभागोंं को हैं।बीती रात्रि अगर वाहन खराब नही होती तो अवैध कोयला सीधे ईट भठ्ठा में पहुँच  जाता और मामला सामने नहीं आता।

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