बागी विधायकों को मनाने की कोई जरूरत नहीं: डीके शिवकुमार
बेंगलुरु । कर्नाटक में एकबार फिर नाटकीय राजनीतिक परिस्थिति पैदा होने के बीच कांग्रेस के संकटमोचक जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि बागी विधायकों को मनाने की कोई जरूरत नहीं है। उनका दावा है कि गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि विधायक अपना इस्तीफे वापस ले लेंगे। दूसरी ओर भाजपा विधायक जेसी मधुस्वामी का कहना है कि गठबंधन सरकार का पतन आसन्न है। उनका दावा है कि कांग्रेस अब डूबता जहाज है और कोई डूबते जहाज में नहीं रहना चाहता। जबकि कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल ने कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ने के बारे में कभी नहीं कहा।
विधायक आनंद सिंह और रमेश जारकीहोली के इस्तीफे देने के बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के साथ कांग्रेस पार्टी के अंदर अनिश्चितता की स्थिति है। एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने 13 महीने जरूर पूरे कर लिए हैं लेकिन विधायकों के इस्तीफे से उसपर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इस स्थिति में दोनों पार्टियां गठबंधन को बनाए रखना चाहती हैं, जबकि कई नेता इसके खिलाफ हैं।
उधर, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव परिवार के साथ लंदन के लिए रवाना होने वाले हैं। इसलिए केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंडरे को बागी विधायकों तक पहुंचने की जिम्मेदारी दी गई है। अब कांग्रेस भी संख्या के खेल में आगे है। यदि विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार दोनों विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करते हैं, तो गठबंधन सरकार की संख्या 117 हो जाएगी। भाजपा के पास 105 विधायक हैं और सरकार बनाने के लिए उसको 13 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, इतनी संख्या जुटाना आसान नहीं है।
कांग्रेस विधायक पाटिल ने रमेश जारकीहोली के साथ कोई संपर्क होने से इनकार किया। जेडीएस नेता जीटी देवेगौड़ा का कहना था कि उनकी पार्टी में किसी ने इस्तीफा नहीं दिया। रमेश जारकीहोली का इस्तीफा कोई नई बात नहीं है। उन्हें नहीं पता कि आनंद सिंह के साथ क्या समस्या है। कांग्रेस विधायक तनवीर सेठ के अनुसार, विधायकों ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। किसी को भी मध्यावधि चुनाव का सामना करने में दिलचस्पी नहीं है। अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अल्पसंख्यक विधायकों का कोई महत्व नहीं है।