आम बजट में वित्तमंत्री सीतारमण ने अंग्रेजों के जमाने की परम्परा तोड़ी
नई दिल्ली । देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2019-20 का बजट लोकसभा में पेश कर रही हैं। बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि गांव, गरीब और किसान हमारे विकास के केंद्र बिंदु हैं।
इससे पहले वित्तमंत्री अपने सहयोगियों के साथ नॉर्थ ब्लॉक(वित्त मंत्रालय) पहुंची। आमतौर पर अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए सीतारमण ने ब्रिफकेस की जगह बहीखाता लेकर मंत्रालय पहुंची। उनके साथ वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकार के साथ वित्त सचिव के साथ अन्य सहयोगी भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली महिला वित्तमंत्री बनी सीतारमण ने पहले ही आम बजट में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया है। आमतौर पर जब भी वित्तमंत्री बजट पेश करने संसद आते हैं। उनके ब्रीफकेस पर सभी की नजर होती है लेकिन निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला वित्तमंत्री हैं, जिन्होंने ब्रीफकेस वाली इस परंपरा को तोड़ दिया है। वह लाल रंग की मखमली कवर वाली फाइल में बजट लेकर संसद पहुंचीं हैं। उनका लाल रंग का मखमली कवर वाला बजट कैमरों के सामने आते ही वायरल हो गया।
उल्लेखनीय है कि पारंपरिक बजट ब्रीफकेस की जगह बहीखाते के इस्तेमाल को अंग्रेजों के द्वारा थोपी गई पश्चिमी दासता को खत्म करने के तौर पर देखा जा रहा है। वैसे बजट शब्द फ्रेंच शब्द बोगेट से आया है, जिसका मतलब ब्रीफकेस होता है। जबकि बहीखाते का अंग्रेजी में सीधा मतलब स्टेटमेंट ऑफ अकाउंट है। वैसे भी भारत में जो बजट संसद में पेश किया जाता है उसमें सरकार अपने अकाउंट को जनता के सामने रखती है। बहीखाते के ऊपर लगा अशोक स्तंभ इस बात की तरफ इशारा करता दिखाई दे रहा है कि अब बजट से पश्चिमी सोच को पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है।