विस्फोटक एकत्रित करने के मामले में एक सप्ताह में हुई है 443 लोगों की गिरफ्तारी
कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में पिछले सप्ताह अब तक का सबसे बड़ा विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया गया था। इस मामले में लगातार छापेमारी अभियान चलाकर पुलिस ने पूरे जिले में 443 लोगों को गिरफ्तार किया है। मंगलवार को जिला पुलिस की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि जिले में लगातार कई क्लबों में विस्फोट हुए हैं और विस्फोटकों के एकत्रित कर रखने की सूचनाएं मिली थीं। इसके बाद जिला प्रशासन पर सवाल उठ रहे थे। इसे ध्यान में रखते हुए मैराथन छापेमारी अभियान की शुरुआत की गई ताकि पूरे जिले में विस्फोटक एकत्रित करने वालों की धरपकड़ हो सके। इसी कड़ी में विगत एक सप्ताह के अंदर 443 लोगों को पकड़ा गया है। इसके अलावा जिले के पारुई, लोकपुर, सवाईपुर कंकड़तला, रामपुरहाट और मोहम्मद बाजार थाना इलाके में छापेमारी के दौरान 268 जिंदा बम, 630 डेटोनेटर, 125 जिलेटिन स्टिक और 180 किलो अमोनियम नाइट्रेट भी जब्त हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि 10 जुलाई की रात पुलिस ने बीरभूम जिले के एक ब्रिज के पास से 11 हजार 900 किलो अमोनियम नाइट्रेट, 80 हजार डेटोनेटर व जिलेटिन स्टिक बरामद किया था। इसके अलावा उसी दिन रात के समय चार थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर 113 जिंदा बम, चार बंदूकें और 22 राउंड कारतूस भी बरामद किए गए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने भी इसका संज्ञान लिया है और मामले पर नजर बनाकर रखी है। बर्दवान के खगड़ागढ़ में दो अक्टूबर 2014 को व्यापक बम ब्लास्ट हुआ था जिसकी जांच एनआईए कर रही है। इसमें बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों के अड्डे का पता चला था। यह भी जानकारी मिली थी कि बर्दवान में बैठकर आतंकियों ने भारत के साथ-साथ एशियाई प्रायद्वीप और अन्य देशों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की योजना बनाई थी। इस मामले में एक वांटेड आतंकी हबीबुर रहमान को गत 25 जून को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है। उसकी निशानदेही पर गत सात जुलाई को बेंगलुरु के एक गुप्त ठिकाने से देसी तकनीक से निर्मित डेटोनेटर, इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और अन्य विस्फोटक जब्त किए गए हैं। अब जब बीरभूम से इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक मिले हैं तो सुरक्षा एजेंसियां आश्वस्त हैं कि इसके पीछे भी आतंकियों का ही हाथ है। जिला पुलिस के साथ मिलकर अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी सीमावर्ती क्षेत्र में जांच अभियान चला रही हैं। बीरभूम जिले में विगत 20 दिनों के अंदर एक स्वास्थ्य केंद्र और एक क्लब के अंदर बड़ा ब्लास्ट होने से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है जबकि दोनों ही संस्थानों की पूरी दीवार ब्लास्ट में उड़ गई थी।