मेट्रो के दरवाजे में हाथ-पैर फंसा कर ट्रेन रोकने पर लगेगा जुर्माना
कोलकाता । पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की लाइफ लाइन मानी जाने वाली मेट्रो में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेट्रो रेल प्रबंधन ने अब दंडात्मक रुख अख्तियार करने का निर्णय लिया है। मेट्रो के दरवाजे में अगर कोई भी व्यक्ति हाथ, पैर, बैग अथवा कुछ अन्य सामान फंसा कर ट्रेन को रोकता है तो उसे 500 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसकी निगरानी करने की जिम्मेवारी स्टेशन की सुरक्षा में तैनात रहने वाले रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की होगी। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे के जरिए सीधे मेट्रो मुख्यालय से भी इसकी निगरानी होगी।
दरअसल मेट्रो के दरवाजे में अत्याधुनिक सेंसर लगे होते हैं। इसकी खासियत यह है कि दरवाजे में अगर कोई भी चीज फंस जाए तो दरवाजा तुरंत खुल जाता है और जब तक दरवाजा खुला रहता है तब तक मेट्रो नहीं खुलती। ऐसे में कई बार मेट्रो जब खुलने वाली होती है तब लोग दौड़कर चढ़ने की कोशिश करते है और मेट्रो में सवार लोग हाथ या बैग आदि फंसा कर दरवाजा खोल देते हैं। गत शनिवार को पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन पर सजल कांजीलाल (66) की मौत भी इसी वजह से हुई थी। सीसीटीवी कैमरे में देखा जा सकता है कि ट्रेन खुलने के चंद सेकंड पहले उन्होंने अपना हाथ मेट्रो के दरवाजे में फंसाया था ताकि दरवाजा खुल जाए और वह चढ़ सकें लेकिन दरवाजा नहीं खुला था और उनकी मौत हो गई है। रेलवे कानूनों में यह नियम है कि अगर कोई अवैध तरीके से ट्रेन को रोकने कोशिश करता है तो उस पर ₹500 रुपये का जुर्माना लगता है। अब इस नियम को मेट्रो में लागू किया जा रहा है। जिससे सजल कांजीलाल की तरह दूसरी दुर्घटना को टाला जा सकेगा।