50 करोड़ मजदूरों को न्यूनतम वेतन का हक देगी केंद्र सरकार: राजीव रंजन
पटना । शुक्रवार लोकसभा में पारित हुए मजदूर संहिता बिल को ऐतिहासिक बताते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा कि मोदी सरकार जब से दोबारा सत्ता में आई है, देश के गरीबों और कामगारों के हित में ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। शनिवार को उन्होंने यहां कहा कि लोकसभा में पारित मजदूर संहिता बिल इसी की एक कड़ी है, जिससे सीधे तौर पर 50 करोड़ मजदूरों को लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि यह कानून मजदूर वर्ग की भलाई के लिए लाया गया आजतक का सबसे ऐतिहासिक कानून है, जिसमें दस बड़े सुधार किए गए हैं। इस कानून में महिलाओं को पुरुषों के बराबर मजदूरी का प्रावधान कर लैंगिक भेदभाव खत्म किया गया है। वहीं, त्रिपक्षीय एडवाइजरी बोर्ड में भी एक तिहाई महिलाएं रखने का प्रावधान किया गया। महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी यह कानून अहम भूमिका निभाने वाला है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस कानून के तहत हर पांच साल में न्यूनतम वेतन दरों की समीक्षा करने का प्रावधान भी किया गया है। वेतन की 12 परिभाषाओं को मिलाकर एक किया गया है साथ ही कामगारों को पर्ची की बजाए डिजिटल माध्यमों व चेक के जरिए भुगतान करने का नियम बनाया गया है, जिससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। बिल में बोनस के बारे में भी पहले से फैली अस्पष्टताओं को दूर किया गया है। साथ ही मजदूरी न मिलने की दशा में पहली सुनवाई का अधिकार गजटेड अफसर को दिया गया है। भाजपा नेता ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने यह कानून पास कर साबित कर दिया कि मजदूरों का हित उसके लिए सर्वोपरि है, लेकिन कांग्रेस ने इसमें भी अड़ंगा लगाने में कोई कसर नही छोड़ी। जिस बिल को लोग क्रांतिकारी बता रहे हैं, उसे कांग्रेस के नेता जबर्दस्ती मजदूर विरोधी साबित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।