पाकिस्तान में संयुक्त संसदीय सत्र की कार्यवाही बाधित

इस्लामाबाद । कश्मीर के विशेष दर्जे समाप्त किए जाने के बाद पाकिस्तान में मंगलवार को बुलाए गए संसदीय सत्र के शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद नेशनल एसेंबली के स्पीकर असद कैसर को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

विदित हो कि कश्मीर को लेकर भारत सरकार के फैसले के मद्देनजर राष्ट्रपति डा. आरिफ अल्वी ने सोमवार को संयुक्त संसदीय सत्र बुलाने की घोषणा की थी। लेकिन मंगलवार को संयुक्त संसदीय सत्र की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। विपक्ष का कहना है कि संसदीय मामले के मंत्री आजम खान स्वति ने जो प्रस्ताव पेश किया है उसमें कश्मीर में भारत की अवैध कार्रवाई की निंदा की गई है, लेकिन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का उल्लेख नहीं है।

हालांकि स्पीकर कैसर ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 का उल्लेख किया जाएगा, लेकिन विपक्षी सदस्य सदन में नारे लगाते रहे। इसके बाद स्पीकर ने संयुक्त संसदीय सत्र की कार्यवाही स्थगित कर दी।

 समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, सरकार के मंत्री विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ के कक्ष में भी गए और उन्हें संसद में आने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन नतीजा नहीं निकला।

 इस बीच संसद में विरोध प्रदर्शन के दौरान सूचना एवं प्रसारण मामले में प्रधानमंत्री की विशेष सहायक फिरदौस आशिक अवान ने संसद के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि  ‘ हम विपक्ष की इच्छा का सम्मान करते हैं और उनकी मांग को प्रस्ताव में जोड़ा जाएगा, लेकिन कश्मीरियों के अधिकार से संबंधित प्रस्ताव को लेकर कोई विवाद नहीं उत्पन्न नहीं होना चाहिए। ‘

उन्होंने आगे कहा कि संकट की घड़ी में कश्मीर के लोग पाकिस्तान की ओर देख रहे हैं और उन्हें बताना चाहूंगी कि वे अकेले नहीं हैं। पाकिस्तान इस मुद्दे को सभी उचित मंचों पर उठाएगा और कूटनीतिक समर्थन जारी रखेगा।

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