अधोसंरचना विकास की प्रमुख जीएमआर समूह को 2,341 करोड़ का घाटा
नई दिल्ली/बंगलुरू । देश में अधोसंरचना विकास (बुनियादी ढांचे का विकास) क्षेत्र की अग्रिणी कंपनी जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर को वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 2,341.25 करोड़ रुपये का एकीकृत नुकसान हुआ है। गत वर्ष की समान अवधि में कंपनी को 4.81 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ था। गुरुवार को जीएमआर समूह द्वारा घरेलू शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक इस अवधि में उसकी कुल आय 2,293.63 करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वित्तवर्ष की इसी तिमाही में 2,234.88 करोड़ रुपये थी।समूह की कंपनी जीएमआर एनर्जी लिमिटेड और उसकी अनुषंगी कंपनियों में निवेश पर इस दौरान 1242.72 करोड़ रुपये की चपत लगी है। इसी तरह जीएमआर छत्तीसगढ़ एनर्जी लिमिटेड के निवेश पर 969.58 करोड़ रुपये की क्षति दर्ज की गयी। इस प्रकार कंपनी की सम्पत्ति को इस दौरान कुल 2,212.30 करोड़ रुपये का घाटा लगा है। जीएमआर छत्तीसगढ़ एनर्जी लिमिटेड, छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले में 685 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयों के परिचालन में संलग्न है। कंपनी द्वारा परिचालित दिल्ली हवाईअड्डे पर यात्रियों की संख्या 5 फीसदी के वार्षिक वृद्धि के साथ 2018-19 में 6.92 करोड़ रही। यह संख्या 2017-18 में 6.57 करोड थी। हैदराबाद हवाईअड्डे पर यात्रियों की संख्या 16 प्रतिशत बढ़कर 2.14 करोड़ पर पहुंच गई जो 2017-18 में 1.83 करोड़ थी।उल्लेखनीय है कि जीएमआर समूह भारत में अधोसंरचना विकास की प्रमुख कम्पनी है। इसका मुख्यालय बंगलुरू में है। इसकी स्थापना 1978 में हुई थी। यह समूह हवाई अड्डों का निर्माण, ऊर्जा, सड़क, कृषि एवं उड्ड्यन क्षेत्र में सक्रिय है। यह समूह कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत सामुदायिक विकास में योगदान देता है और अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाने में भी अग्रणी है।