उन्नाव मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, मेडिकल रिपोर्ट दो बजे तक तलब

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट आज (गुरुवार को) दोपहर दो बजे उन्नाव मामले के ट्रांसफर को लेकर आदेश पारित करेगा। आज 12 बजे के बाद जब दोबारा सुनवाई शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने एएसजी से पूछा कि क्या रेप पीड़ित और उसके वकील को लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट करके लाया जा सकता है? कोर्ट ने लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज से इस मामले में दो बजे तक उनकी हालत के बारे में जानकारी मांगी है।

चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल से पीड़ित का पत्र नहीं मिलने के बारे में पूछा तो सेक्रेटरी जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में औसतन पांच हजार पत्र हर महीने आते हैं। रजिस्ट्री को जुलाई में 6,900 पत्र मिले, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक़ स्क्रीनिंग की गई थी। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री 1998 से तय स्क्रीनिंग प्रक्रिया के तहत कार्य करती आ रही है। रजिस्ट्री को पीड़ित के नाम तक कि जानकारी नहीं है इस मामले में।

कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई अधिकारी ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि इस मामले में चार एफआईआर दर्ज हुई हैं। ये आरोपितों और पीड़ित द्वारा एक दूसरे पर दर्ज कराई गई हैं। पीड़ित के पिता के खिलाफ अवैध हथियार रखने का मामला दर्ज हुआ था। तब चीफ जस्टिस ने पूछा कि पीड़ित के पिता की मौत कैसे हुई? तब सीबीआई ने कहा कि ये मामला झूठ था। अब इस मामले में पुलिस अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है। फिर चीफ जस्टिस ने पूछा कि चार्जशीट कब दाखिल की गई? तब तुषार मेहता ने कहा कि 11 जून, 2017 को दाखिल की गई। तीन3 केस में चार्जशीट फ़ाइल की जा चुकी है। चौथे केस में अभी फ़ाइल की जानी है।

तुषार मेहता ने बताया कि उन्नाव मामले में दोनों पक्षों पर कुल पांच केस दर्ज हैं। एक केस रेप का विधायक के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया है। दूसरा केस आर्म्स एक्ट का है अवैध हथियार का, जो पीड़िता के पिता के ख़िलाफ़ दर्ज है, जिनकी मौत हो गई। तीसरा केस पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हत्या आरोपित विधायक के खिलाफ दर्ज है। चौथा केस पीड़ित के परिजनों पर है। पांचवां केस दुर्घटना का है। चीफ जस्टिस ने पूछा कि रोड एक्सीडेन्ट की जांच में कितना समय लगेगा? तब तुषार मेहता ने कहा अभी सीबीआई इसकी जांच कर रही है। तब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ट्रक एक्सीडेंट मामले की जांच सात दिन में पूरा करने का आदेश दिया।

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