कांग्रेसियों ने धार्मिक स्थानों को भी नहीं छोड़ा:एन.के.शर्मा

गुरुद्वारा नाभा साहिब में एल.ई.डी.लाइटें लगाने के नाम पर की बड़ी ठगी
बिना लाइटें लगाए की 23 लाख 31 हजार की अदायगी
जीरकपुर परिषद अध्यक्ष व अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर करेंगे याचिका

जीरकपुर ।  हलका विधायक एन.के. शर्मा ने आज जीरकपुर में पत्रकारों से बातचीत में नगर परिषद अध्यक्ष और संबंधित अधिकारियों द्वारा विकास कार्यों के नाम पर बड़े स्तर पर की जा रही ठगी का खुलासा करते हुए कहा कि कांग्रेस के इन लुटेरों ने धार्मिक स्थानों को भी नहीं छोड़ा। एन.के. शर्मा ने बताया कि जीरकपुर क्षेत्र में एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाभा साहिब है जिस प्रति लोगों की बड़ी श्रद्धा है।
परिषद द्वारा जहां डेकोरेटेड पोलस और लाइटें लगाने संबंधित एक प्रस्ताव पास किया गया था जिसमें 27 लाख 20 हजार रुपए का खर्च दिखाया गया। परिषद अध्यक्ष उदयवीर सिंह ढिल्लों, कार्यकारी व अन्य अधिकारियों ने इसमें ठगी लगाने के लिए तीन कंपनियों से टैंडर लिए। जीएसटी उससे संबंधित दो कंपनियां कपूर इलेक्ट्रिकल व वैक्टर इलेक्ट्रिकल कंपनी। इनमें से जीएसटी कंपनी को 3 फ़ीसदी लैस पर 26 लाख का टेंडर अलॉट किया गया। कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए यह टैंडर एक दिसंबर 2021 की रात 7:52 मिनट पर अलॉट किया गया जबकि कमेटी के कार्य का समय सुबह 9:00 से 3:00 बजे तक होता है। उन्होंने बताया कि ठगी लगाने के लिए अधिकारियों की मिलीभगत से एक दिसंबर को कंपैरेटिव स्टेटमेंट बनाई और उससे दो-तीन दिन बाद वर्क आर्डर दिया गया। उसके 10 दिन बाद 13 दिसंबर को इस टेंडर की फुल एंड फाइनल पेमेंट 23 लाख 31 हजार रुपए कर दी गई। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष और ईओ ने ठेकेदार के अकाउंट में चेक देकर कैश करवा लिया, परंतु अफसोस की बात यह है कि वहां न कोई डेकोरेटड लाइट लगी, न पोल लगा और जो बिल बनाया गया उसमें दिखाया गया इंस्टॉलेशन आफ पोल्स, इंस्टॉलेशन ऑफ एलईडी, इंस्टॉलेशन ऑफ ब्रैक्ट्स, इंस्टॉलेशन आफ पैनल का खर्चा 23 लाख 31 हजार रुपए दिखाया गया। यह भी बाकायदा लिखा गया कि पीडब्ल्यूडी की स्पेसिफिकेशन के अनुसार यह कार्य पूरा हो चुका है जबकि कोई कार्य हुआ ही नहीं।
एन.के. शर्मा ने बताया कि जब 15 दिसंबर को यह मामला उनके ध्यान में आया तो उन्होंने इसकी शिकायत की विजिलेंस अफसर से की कि जहां कोई डेकोरेटर लाइट नहीं लगी, पर उसकी एडवांस में पेमेंट कर दी गई तो उन्होंने कार्यसाधक अधिकारी से इसका जवाब मांगा, परंतु ई ओ ने इस मामले पर पर्दा डालने के लिए एक चि_ी के द्वारा लिखा कि ग्राउंड पर अभी तक एक भी पोल नहीं लगा परंतु पोल कमेटी के स्टोर में पड़े हैं।
इस मामले में एडीसी अर्बन ने भी 31/12/ 2021 चि_ी लिखकर खुलासा करते हुए सचिव को लिखा कि तखमीना 27 लाख 20 हजार का था, इस संबंधी कोई सीएसआर नहीं बनाई गई और आइटम के भाव कहां और कैसे फिक्स किए कुछ भी नहीं पता चलता। इसके अलावा उन्होंने यह कहा कि जो एडवांस पेमेंट की गई है वह नियम अनुसार नहीं की जा सकती इसलिए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
एन.के.शर्मा ने बताया कि मामला गंभीर होता देख इन्होंने 17 जनवरी की रात को 11:00 बजे गुरुद्वारा साहिब के रास्ते में पोल लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा जब जांच चल रही है हो तो वहां रात को पोल नहीं लगाए जा सकते, दूसरी ओर यह चुनावी आचार संहिता का भी उल्लंघन है।
उन्होंने बताया कि जो पोल लगाए गए हैं उनकी कीमत 34 हजार 450 रुपए दिखाई गई है जबकि वह पोल 7-8 हजार रुपए का ही है। इसी प्रकार डेकोरेटेड ब्रेकटस 8125 रुपए, लाइट 20 हजार 475 रुपए, फाउंडेशन 8500 रुपए, 900 रुपए का बल्ब समेत अन्य सामान पर फालतू खर्चा डालकर 67 हजार रुपए का एक पोल दिखाया गया है।
एन.के. शर्मा ने कहा कि किसी भी कार्य की पेमेंट कार्य पूरा होने के बाद तब की जाती है जब अध्यक्ष, ईओ और जेई जाकर मौका देखते हैं और उसके बाद 85 फीसदी पेमेंट की जाती है तथा 10-15 फीस दी पेमेंट रोक ली जाती है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सीधे तौर पर बड़ी धांधली हुई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस घपले में शामिल परिषद अध्यक्ष, ई ओ और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ पर्चा दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि वह हलके की लूट बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे और माननीय हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

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