किसानों पर क़र्ज़ बढ़ कर 52779 करोड़ हुआ

चंडीगढ़ । वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को हरियाणा में धक्का लग सकता है।  बैंकों के जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार किसानों पर ऋण का बोझ लगातार बढ़ रहा है और डिफाल्टर किसानों की संख्या भी बढ़ रही है। दिसम्बर , 2019 अंत तक किसानों पर राज्य के बैंकों का ऋण 52779 करोड़ रुपये हो चुका है, जबकि डिफाल्टर किसानों की संख्या पौने दो लाख पार कर चुकी है और उनके सिर 5229 करोड़ रुपये की राशि है, जिनके लिए उन्हें डिफाल्टर घोषित किया जा चुका है।

बैंकों की राज्य स्तरीय कमेटी की जारी रिपोर्ट के अनुसार किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। पंजाब की भांति हरियाणा के किसान भी खेती के नाम पर अन्य कार्यों के लिए क़र्ज़ लेने में विश्वास करने लगे हैं। बैंकों के अधिकारियों ने भी अपने लक्ष्य पूरे करने के लिए किसानों को धड़ाधड़ ऋण बांटे हैं।  वर्ष 2017 के दिसम्बर माह के अंत तक किसानों पर 47606 करोड़ रुपये का ऋण बोझ था। इसी दौरान किसानों के लिए अनेक योजनाएं भी लाई गयीं और फसल बीमा योजना भी शुरू की गई। परन्तु किसानों के सिर क़र्ज़ का बोझ कम न हुआ।  ठीक एक वर्ष उपरांत दिसम्बर 2018 के अंत तक किसानों पर बैंकों का ऋण बढ़ कर 52240 करोड़ रुपया हो गया और अब ये क़र्ज़ बढ़ कर 52779 करोड़ तक आ पहुंच चुका है। केवल ऋण में ही वृद्धि नहीं बल्कि ऋण अदा न कर पाने से किसान डिफाल्टर भी घोषित हो रहे हैं। इस बार ये  राशि बढ़ कर 5229 करोड़ रुपये हो चुकी है और ये वृद्धि पिछले वर्ष दिसम्बर 2018 के मुकाबले 9. 91 प्रतिशत अधिक है।

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