गांव महावतपुर विवाद : महिलाओं ने लगाया पुलिस पर बदसलूकी का आरोप

फरीदाबाद । गांव महावतपुर में राजपूत समाज के लोगों द्वारा दलित समाज की बारात में डीजे बंद करवाने का मामला निरंतर तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस ने जहां गांव को पूरी तरह से छावनी में तबदील कर दिया है वहीं पुलिस कर्मियों द्वारा गुरुवार रात को जबरन घरों में घुसकर महिलाओं से बदसलूकी किए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। इस मामले में पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह का कहना है कि गांव में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस की तैनाती की हुई है, अगर पुलिस कर्मचारियों ने महिलाओं से बदसलूकी की है तो उसकी जांच करवाई जाएगी। गांव की रहने वाली गर्भवती महिला मुन्नी देवी ने बताया कि बीती रात वह अपने घर पर थी, करीब 10 बजे उसके घर का गेट किसी ने बजाया, जब उसने गेट खोला तो कुछ पुलिस के कर्मचारी जबरन उसके घर में घुस गए और उसे पकडक़र बाहर निकालने लगे, जबकि उसने कहा कि घर पर कोई नहीं है, इसके बावजूद पुलिस कर्मचारियों ने उसकी एक न सुनी और उसे बाहर निकाल लिया। इस बीच उसकी बहन मीनाक्षी भी उसे बचाने आई तो उसके साथ भी पुलिस कर्मचारियों ने बदसलूकी की और उसके कपड़े भी फाड़ दिए। पीडि़ता मिनाक्षी ने बताया कि वह अन्य पुलिस कर्मचारियों के नाम तो नहीं जानती परंतु उनमें से एक थाना भूपानी एसएचओ संदीप कुमार थे। गर्भवती महिला मुन्नी की तबीयत बिगडऩे पर उसे रात को ही सिविल अस्पताल बादशाह खान में दाखिल करवाया गया वहीं पुलिस के इस तानाशाही कार्यवाही को लेकर राजपूत समाज के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है और वह दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे है। गौरतलब है कि करीब चार दिन पूर्व गांव महावतपुर में दलित समाज की एक बारात में डीजे चल रहा था, जिसे राजपूत समाज के लोगों ने यह कहकर बंद करवा दिया था कि गांव में बुजुर्ग की हार्ट की सर्जरी हुई है, इससे उन्हें परेशानी हो रही थी, उस दौरान तो यह मामला शांत हो गया परंतु बाद में दलित समाज के लोगों ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी थी, जिसके आधार पर पुलिस ने गांव के छह युवकों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

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