फर्जी कागजातों पर हाईकोर्ट से पैरोल लेने का आरोपित गिरफ्तार

जींद । सदर थाना पुलिस ने पिता को फर्जी कागजातों के आधार पर कैंसर का मरीज दिखा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से पैरोल लेने की कोशिश करने के आरोपित को बुधवार श्याम प्रोटेक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की। बाद में उसे अदालत में पेश किया। जहां उसे न्यायिक हिरासत में करनाल जेल भेज दिया। जेल उपाधीक्षक राकेश कुमार ने नौ सितम्बर को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि गांव चाबरी निवासी विकास उर्फ बिल्लू हार्ड कोर अपराधी है और वह हत्या समेत कुछ अन्य मामलों में उम्रकैद सजायाफ्ता है। विकास उर्फ बिल्लू ने अपने पिता रघबीर को कैंसर का मरीज बताते हुए उसके ईलाज के लिए पांच जून से 17 अगस्त तक पैरोल की याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में लगाई थी। हार्ड कोर अपराधी होने के चलते विकास की गतिविधियों पर नजर रख रहे जेल उपाधीक्षक राकेश को संदेह हुआ। उन्होंने पैरोल को लेकर उसके पिता रघबीर के ईलाज की जांच शुरू की। छानबीन के दौरान सामने आया कि रघबीर कैंसर का मरीज नहीं है। गांव बुआना निवासी कैंसर पीडि़त वजीर की बायोप्सी रिपोर्ट का सहारा लेकर रघबीर को कैंसर का मरीज बनाया गया। एक बार रघबीर ईलाज के लिए बीकानेर कैंसर इंस्टीच्यूट में भी गया। उसी रिपोर्ट को आधार बनाकर विकास की पैरोल याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में लगाई गई। इस फर्जीवाड़े के सूत्रधार के रूप में विकास का चचेरा भाई जवाहर नगर हिसार निवासी नकूल सामने आया। विकास की पैरोल के लिए किया गया फर्जीवाड़े का भंडा फूटने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया गया। जिस पर विकास को पैरोल नहीं दी गई और विकास को बदलकर करनाल जेल भेज दिया गया। जेल उपाधीक्षक राकेश कुमार की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने विकास उर्फ बिल्लू, उसके पिता रघबीर, चचेरे भाई नकूल, गांव बुआना निवासी वजीर के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े का सहारा लेने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विकास उर्फ बिल्लू को प्रोटेक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की। बाद में उसे अदालत में पेश किया। जहां उसे न्यायिक हिरासत में करनाल जेल भेज दिया।

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