गीता मानव कल्याण का सबसे बड़ा ग्रंथ : बराला

फतेहाबाद । भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा है कि श्रीमद् भगवत गीता मानव कल्याण का सबसे बड़ा ग्रंथ है। इसकी तुलना विश्व में कहीं भी नहीं की जा सकती। भगवत गीता के संदेश को अपने जीवन में ढाले और स्वयं व समाज का कल्याण करे। प्रदेशाध्यक्ष बराला शुक्रवार को देर सायं स्थानीय मनोहर मेमोरियल कॉलेज में जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव के शुक्रवार के सांध्यकालीन सत्र में बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर रहे थे। प्रदेशाध्यक्ष ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। अतिरिक्त उपायुक्त महाबीर प्रसाद ने मुख्यातिथि सुभाष बराला को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।       उन्होंने कहा कि गीता का संदेश लेने वाला हर जीव पुण्य: का भागी बनेगा। इसलिए गीता के संदेश व गीता की पहुंच घर-घर तक पहुंचाई जाए। सरकार ने गीता जयंती के प्रचार प्रसार करने के लिए इसे गांव स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का जो फैसला लिया है, वह ऐतिहासिक व सराहनीय है। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि गीता एक धर्म का ही ग्रंथ नहीं बल्कि यह संपूर्ण मानव जाति व जीव के लिए भलाई और कल्याण का ग्रंथ है। गीता के प्रत्येक श्लोक का अर्थ और महत्व आज भी विद्यमान है। उन्होंने कहा कि सालों-साल से इस ग्रंथ में समाज के कल्याण करने और बुराइयों को दूर करने में मदद की है। भटके हुए लोगों को सही दिशा प्रदान की है। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आज के युग में गीता का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, जब समाज में विभिन्न प्रकार के वैमनस्य है, तो ऐसे समय में समाज व नागरिकों को गीता सही मार्ग पर ला सकती है। उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त बुराइयां चिंतनीय है और गीता जैसे महान ग्रंथ के ज्ञान से बुराइयों को दूर किया जा सकता है तथा एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो सकता है।

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