चंडीगढ़ एमसी का 1725 करोड़ का बजट पास, शहर की बदहाली को लेकर हुआ हंगामा

चंडीगढ़। नगर निगम की मंगलवार को प्रस्तावित बजट को लेकर विशेष बैठक हुई। बैठक में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने खूब हंगामा किया। हंगामे के बीच 1725 करोड़ का प्रस्तावित बजट पास हो गया। बजट को लेकर कई पार्षदों ने सवाल उठाए, जिसमें पानी के रेट को बढ़ाए जाने का मुद्दा अहम रहा। वहीं पार्षदों ने उनके गांवों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। मेयर सर्बजीत कौर ने आश्वासन दिया कि शहर में ना तो कोई अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा और ना ही पानी के रेट बढ़ेंगे। इसे लेकर उन्हें जो भी करना पड़ेगा वह करेंगी।

बैठक में गांवों की अनदेखी का मुद्दा शिरोमणि अकाली दल के पार्षद हरदीप सिंह ने उठाया। उन्होंने कहा कि यह बजट काफी निराशाजनक है, जिसमें गांव के विकास की कोई चर्चा नहीं की गई। गांवों को नगर निगम में शामिल तो कर लिया गया है, लेकिन गांवों का विकास कैसे होगा इस पर इस बजट में कुछ भी नहीं है।

भाजपा पार्षद हरप्रीत कौर बबला ने सेक्टर 27 व 28 में बंदरों के आतंक का मुद्दा सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि इसके लिए भी बजट रखा जाना चाहिए। यह मुद्दा जनता से सीधे जुड़ा है। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड में बंदरों का आतंक मचा हुआ है, लेकिन इसे लेकर कभी भी नगर निगम और प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। आम आदमी पार्टी की ओर से भी लगातार विरोध किया गया और कहा कि जनता पर किसी भी तरह का कोई अतिरिक्त बोझ नहीं लगना चाहिए और ना ही जनता पर कोई टैक्स लगना चाहिए।

बजट में कैपिटल हेड के लिए 401.42 करोड़ और रेवेन्यू हेड के लिए 1323.77 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। इस बार नगर निगम ने जो बजट तैयार किया है वह पिछले बजट के मुकाबले में करीब 100 करोड़ रुपये ज्यादा है। नगर निगम के अनुसार, प्रशासन ने केंद्र सरकार से 957 करोड़ रुपए की ग्रांट मांगी जाएगी, जबकि हकीकत यह है कि नगर निगम को इस बार प्रशासन से मुश्किल से 550 करोड़ रुपए की ही राशि मिलेगी।

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