केन्द्रीय बजट देश को प्रगति की राह पर ले जाने में सक्षम: पीएचडी चैंबर
चंडीगढ़ । सेक्टर 31 स्थित पीएचडी चैंबर के पूर्व अध्यक्ष डाॅ अशोक खन्ना ने बजट प्रस्तावों का स्वागत किया है जोकि इस बार विशेष रुप से डिजिटलकरण और प्रौद्योगिकी पर जोर दे रहा है। उन्होंनें कहा कि बजट देश को विकास की राह पर ले जाने में सक्षम है क्योंकि इसमें अगले तीन से पांच सालों के लिये एक रोडमैप रखा गया है । उनके अनुसार बजट बुनियादी ढ़ांचे पर विशेष रुप से आवास और निर्माण पर प्रमुख रुप से केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि रक्षा में पूंजीगत खरीद बजट का 68 फीसदी घरेलू उद्योग के लिये निर्धारित किया जा रहा है जो कि देश को औद्योगिक विकास की गति प्रदान करेगा।
बजट प्रस्तावों का स्वागत करते हुये पीएचडी चैंबर के पंजाब स्टेट चैप्टर के अध्यक्ष आरएस सचदेवा ने कहा कि सरकार ने सहकारी समीतियों के लिये मीनिमम अल्टरनेटिव टेक्स को निजी कंपनियों के बराबर मौजूदा 18.5 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है । सौर उर्जा और उर्जा दक्षता की दिशा को गति देने के लिये सौर मोडयूल के निर्माण के लिये पीएलआई योजना के तहत 16 हजार करोड़ का अतिरिक्त प्रोत्साहन मोडयूल निर्माण उद्योग को महत्वपूर्ण वृद्धि प्रदान करेगा। उन्होंनें कहा कि किफायती आवास सदैव सरकार का फोकस रहा है। पीएम आवास योजना के लिये आवास परियोजनाओ केे लिये 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित, पूर्वोत्तर के विकास के लिये आवंटित 1500 करोड़ रुपये और डिजिटल इंफ्रा को बढावा देने के लिये सहरानीय कदम है। उन्होंनें कहा कि एमएसएमई के उत्थान के लिये टिलियन रुपये के प्रावधान और 13 मिलियन एमएसएमई के लिये अतिरिक्त श्रृण के आंवटन के साथ कुल मिलाकर यह एक आशाजनक बजट है।
पीएचडी चैंबर के चंडीगढ़ चैप्टर के चेयर मधु सूदन विज ने बजट को समग्र और संतुलित बजट करार दिया और यह आर्थिक सुधार को बनाये रखेगा जिसमें सभी क्षेत्रों को लाभ प्राप्त होगा। उन्होंनें कहा कि बजट ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा का समर्थन करने के लिये विकास पर केन्द्रित है। उन्होंनें बताया कि बजट इंफ्रास्ट्रक्चर, लाॅजिस्टिक, कैपैक्स में निवेश और कस्टम डयूटी के युक्तिकरण पर केेन्द्रित है ताकि कैपिटल गुड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये ‘मेक इन इंडिया’ अवधारणा को प्रोत्साहित किया जा सके।
पीएचडी चैंबर के हरियाणा स्टेट चैप्टर के अध्यक्ष मोहित जैन ने कहा कि सरकार ने कारोबार सुगमता के लिये कई सकारात्मक कदम उठाये हैं। बजट 2022 गेहूं और धान किसानों को एमएमपी के सीधे भुगतान के लिये 2.37 लाख करोड़ रुपये की घोषणा के साथ किसानों को सुनिश्चित आय सुनिश्चित करने पर केन्द्रित है। उन्होंने सरकारी खरीद में बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में जमानत बांड के उपयोग की स्वीकृति का स्वागत किया क्योंकि यह सप्लायर और वर्क कान्ट्रेक्टर के लिये इनडायरेक्ट कॉस्ट को कम करने के लिये एक लंबा रास्ता तय करेगा।