जनता के हितों को दरकिनार कर कैसे बढ़ा दिए डिफॉल्टर ठेकेदारों के लिए पार्किंग के रेट, हो निष्पक्ष जांच – फाॅस्वेक

चंडीगढ़।  शहरवासियों को एक बार फिर जोर का झटका धीरे से लगा है। अनुबंध के अनुसार जोन-एक के ठेकेदार ने पार्किंग शुल्क में इजाफा कर दिया है। ऐसे में अब इस जोन के सामान्य पार्किंग में दोपहिया वाहनों के लिए सात रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 14 रुपये देने होंगे। वहीं, औद्योगिक क्षेत्र स्थित एलांते मॉल, मनीमाजरा स्थित फन रिपब्लिक और पिकाडली सिनेमा के सामने बनीं निगम की पार्किंग में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद दोपहिया वाहनों का पार्किंग शुल्क 24 से बढ़कर 28 रुपये और चार पहिया वाहनों का शुल्क 48 से बढ़कर 56 रुपये हो गया है।
वहीं दूसरी ओर नगर निगम द्वारा पार्किंग की दरों में 20% की बढ़ोतरी करने से  रेसिडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशनस की अपेक्स बॉडी फाॅस्वेक ने कड़ा रुख अपनाया है। फाॅस्वेक के चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू ने कहा की एक तरफ तो नगर निगम ने पार्किंग ठेकेदारों से 4.55 करोड़ रुपए की बड़ी राशि वसूल करनी है और डिफॉल्टर ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई भी चल रही है, जबकि दूसरी तरफ उन्हें आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए पार्किंग दरें बढ़ा दी गई हैं। अब प्रति प्रवेश दोपहिया वाहनों के लिए 7 रुपए और चौपहिया वाहनों के लिए 14 रुपए पार्किंग शुल्क निर्धारित किया गया है जबकि न तो पार्किंग स्थलों पर स्मार्ट पार्किंग है और न ही लोगों को किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध है।
फाॅस्वेक के मुख्य प्रवक्ता और सेक्टर 38 वेस्ट आर.डब्ल्यू.ए. के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा की कोरोना काल और महंगाई के इस दौर में जब एक आम आदमी अपनी आजीविका ही बहुत मुश्किल से कमा रहा है तो यह बढ़ोतरी नाजायज है। चंडीगढ़ वासियों के हितों को दरकिनार करके डिफॉल्टर पार्किंग ठेकेदारों को अधिकारियों ने क्या फायदा पहुंचाया इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यदि अनुबंध में वार्षिक बढ़ोतरी का प्रावधान है भी तो क्या उस पर कानूनी राय ली गई, यह भी जांच का विषय है। फाॅस्वेक ने नगर निगम के अधिकारियों और पार्षदों का आह्वान किया कि वे चंडीगढ़ के लोगों के हितों में पार्किंग के रेट कम करें।

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