नहीं मिले 400 आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारी

केवल कटने वाली पर्ची की रकम स्मार्ट होती चली गई लेकिन स्मार्ट पार्किंग आज तक नही दिखी
पर्ची काटने वाले तो दिखे लेकिन एग्जिट प्वाइंट रहा खाली
वाहन चोरों को खुलेआम निमंत्रण
चंडीगढ़| पिछले लगभग 22 दिनों से चंडीगढ़ की सभी पार्किंग मुफ्त व आज़द चल रही हैं क्योंकि पिछले ठेकेदारों का समय अवधि पूर्ण होने एवं एक ठेकेदार द्वारा फेक बैंक गारंटी देने के चलते नई पार्किंग का कॉन्ट्रैक्ट देने में तकनीकी समस्या आ रही है जबकि निगम का रोजाना 18 लाख रुपए की कमाई पर भी पौचा मारा जा रहा था | सूत्रों के मुताबिक चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने निगम द्वारा इस कमाई की अनदेखी के चलते काफी खिंचाई भी की | इस खिंचाई को देख सुन कर शहर के लोग अपने आपको ठगा सा महसूस करने लगे हैं क्योंकि चंडीगढ़ जैसे शहर में जन्में पले व बढ़े हुए लोगों ने जब से होश संभाला है तब से शहर की मार्किटों में आना जाना बिलकुल फ्री था जिससे कि ग्राहक का फुटफाल भी अधिक था व कमाई प्रतिशत अधिक थी | लेकिन जैसे शहरवासियों ने कोई गलती कर दी हो व उन्हें उस गलती की सजा के तौर पर घर से निकल कर मार्किट तक जाने का जुर्माना लगा दिया हो | शहरवासियों का मानना है कि 2014 के बाद से शहर में पार्किंग ,प्रॉपर्टी टैक्स को ऐसे लगाया गया जैसे चंडीगढ़ियो को महंगा शहर मे रहने की सजा दी गई हो | ऊपर से इतना टैक्स देने के बावजूद जब भी उन्हें निगम कार्यालय संबंधी कोई काम पड़ता है तो उन्हें चक्कर लगाने पर विवश कर दिया जाता है| कथित तौर पर प्रशासक द्वारा की गई खिंचाई के बाद आनन फानन में पार्किंग का जिम्मा निगम ने अपने हाथों लेने का निर्णय लिया जिसमें सैंकड़ों आउटसोर्स के माध्यम से लेने थे ,जबकि इस बीच बातें ये भी सुनने में आई कि नया टेंडर शर्तें पूरी करने के बाद या तो पहले से चला रहे ठेकेदारों को ही दिया जाएगा या फिर बैंक को पूरे शहर की पार्किंग का जिम्मा दिया जायेगा लेकिन पर्ची काटने की मशीन की शर्त के चलते बैंक ने अपना पल्ला झाड़ लिया क्योंकि सूत्रों के मुताबिक पर्ची काटने वाली इस मशीन की कीमत 32 हजार से 35 हजार के बीच बताई गई व पूरे शहर की पार्किंग व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने के लिए लगभग 300 से अधिक मशीनों की आवश्यकता है जिसमें सॉफ्टवेयर निगम द्वारा तैयार किया हुआ डाला जायेगा | आज 23 फरवरी को निगम द्वारा चंडीगढ़ की कई पार्किंग स्थल पर काबिज होकर आने जाने वालों की पर्चियां काटी लेकिन किसी वहां चालक की पर्ची काटने वाले निगम कर्मचारी एग्जिट प्वाइंट पर कहीं भी दिखाई नही दिए जैसे वाहन चोरों को खुला निमंत्रण दिया जा रहा हो | जिस पर शहरवासियों ने वाहनों की सुरक्षा से जुड़े कई सवाल खड़े कर दिए | पेट्रोल पंप मैनेजर कृष्ण लाल ने कहा कि निगम का ध्यान केवल कमाई की तरफ है लोगों की नेक कमाई से खरीदे गए वाहनों की सुरक्षा/देखरेख पर बिल्कुल नही है क्योंकि एग्जिट प्वाइंट पर निगम का कोई व्यक्ति पर्ची चेक नही कर रहा था जिससे कोई भी वाहन चोरी होने के बाद आसानी से निकल सकता है |इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी |वहीं पर्ची काट रहे इस पार्किंग कार्यों से अंजान निगम कर्मियों ने कहा कि हमें इसकी कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है व सिर्फ वाहनों की पर्ची काटने के लिए कहा गया है जो कि हम कर रहे हैं,शीर्ष अधिकारियों के जैसे आदेश होंगे उनकी पालना हम करेंगे |

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