नीतिगत दर में कटौती का दिख रहा असर, वित्त वर्ष में बदलाव जल्द : दास
नई दिल्ली/मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि वित्त वर्ष में बदलाव का ऐलान जल्द किया जा सकता है। अर्थव्यवस्था में लोन उठाव गति पकड़ रहा है। उन्होंने शनिवार को पत्रकार वार्ता में यह बात कही। साथ ही उन्होंने नीतिगत दर में कटौती का लाभ निचले स्तर तक पहुंचने की रफ्तार आने वाले दिनों में और सुधरने की उम्मीद जताई। दास ने बताया कि सरकार को आरबीआई की ओर से अंतरिम लाभांश देने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। आरबीआई गवर्नर ने यह बात वित्त मंत्री और आरबीआई सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक के बाद कही। उन्होंने निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में संवाददाताअें के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा बजट अनुमान से कहीं ज्यादा रहने की वजह से सरकार को इसे 0.5 फीसदी बढ़ाकर संशोधित अनुमान को 3.8 फीसदी करना पड़ा है, जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.5 फीसदी रखा गया है।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि आरबीआई का वित्त वर्ष एक जुलाई से अगले साल 30 जून तक का होता है, जबकि केंद्र सरकार का वित्त वर्ष एक अप्रैल से अगले साल 31 मार्च तक का होता है। विमल जालान समिति ने आरबीआई का वित्त वर्ष सरकार के वित्त वर्ष के समान करने की सिफारिश की थी, जिसके बारे में विचार-विमर्श किया जा रहा है। आपको जल्द ही इसके बारे में कुछ पता चलेगा।दास ने एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार को आरबीआई की ओर से अंतरिम लाभांश देने के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। इसके बारे में जब कोई फैसला होगा उसकी जानकारी दी जाएगी। एजीआर के बकाया भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इससे जुड़ा कोई मुद्दा आता है, तो उस पर आंतरिक तौर पर चर्चा की जाएगी। बोर्ड को वित्तमंत्री ने भी संबोधित किया। वहीं, बजट पर चर्चा को लेकर आयोजित इस बैठक में सीतारमण ने कहा कि वित्त मंत्रालय कृषि क्षेत्र के लिए क्रेडिट फ्लो को लेकर सजग है और बैंकों की निगरानी कर रहा है। सीतारमण ने कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे कर्ज की स्थिति पर नजर रखे हुए है। वित्तमंत्री ने उम्मीद जताई है कि अगले वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए 15 लाख करोड़ रुपये के लोन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित वर्ष 2020-21 के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए लोन वितरण के लक्ष्य को 11 फीसदी बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये रखा है।