भाजपा सरकार के खिलाफ एबीवीपी ने मोर्चा खोला, आंदोलन का ऐलान

शिमला । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने केंद्रीय छात्र संघ के चुनावों की बहाली और छात्रों की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विद्यार्थी परिषद ने ऐलान किया है कि वह छात्र हितों के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ने के तैयार हैं और उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाती। एबीवीपी ने दो अगस्त से अपना आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है।
एबीवीपी के प्रांत सचिव राहुल राणा ने बुधवार को यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश विवि स्नातक स्तर की परीक्षाओं को घोषित करने में असफल रही है और इस कारण विद्यार्थियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि परिणाम घोषित न होने से कारण विद्यार्थी पीजी कक्षाओं में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं और इस कारण वे आगे प्रवेश पाने से वंचित रहे हैं। उन्होंने मांग की कि परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द घोषित किया जाए। 
राणा ने कहा कि सरकार ने केंद्रीय छात्र संघ (एससीए) के चुनाव को बंद कर छात्रों के हितों से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि विवि में कर्मचारियों के चुनाव तो हो जाते हैं, लेकिन विद्यार्थियों के चुनाव करवाने में आना-कानी की जा रही है, लेकिन अब विद्यार्थी परिषद इस मामले पर चुप नहीं बैठेगी और इसके लिए आंदोलन को और तेज करेगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह छात्र संघ चुनावों को तुरंत बहाल करे।
छात्र नेता ने कहा कि विवि में प्रशासन ने आउटसोर्स पर भर्तियां कर गलत कदम उठाया है और आज परीक्षा परिणाम न आने के लिए यह व्यवस्था जिम्मेदार है। उनका कहना था कि वे आउटसोर्स में की गई भर्तियों के खिलाफ है और कर्मचारियों की नियमित तैनाती की जानी चाहिए। साथ ही मांग की कि कालेजों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर तुरंत भरें। 
राहुल राणा ने कहा कि एबीवीपी के आंदोलन की शुरूआत 2 अगस्त से होगी और उस दिन कालेजों में प्रदर्शन करने के बाद प्रधानाचार्यों के माध्यम से शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद 5 अगस्त को सभी कालेजों में इन मांगों को लेकर पर्चा वितरण किया जाएगा। राणा ने कहा कि 7 अगस्त को इकाई स्तर पर धरना प्रदर्शन होगा और 9 अगस्त को इन मांगों को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 13 अगस्त को जिला केंद्रों पर धरना प्रदर्शन के बाद डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि फिर भी उनकी मांगों पर कोई फैसला न लिया तो परिषद उसके बाद आगे आंदोलन को और तेज करेगा और तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती।

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