रोज फेस्टिवल के आखिरी दिन मेले का आनंद उठाने कई राज्यों से भीड़ जुटी, एडवाइजर ने कलाकारों को किया सम्मानित

चंडीगढ। सेक्टर-16 स्थित रोज गार्डन में चल रहे रोज फेस्टिवल का आज यानी रविवार तीसरा और आखिरी दिन है। इस प्रकार से आज 50वें रोज फेस्ट में पिछले दो दिनों की तुलना में ज्यादा भीड़ जुटी। आज सुबह से ही लोग रोज गार्डन पहुंचने लगे थे, दोपहर बाद तक बहुत ही बड़ी भीड़ जुट गई। इसमें तुलनात्मक युवाओं की भीड सबसे ज्यादा थी। रोज फेस्टिवल में पहुंचे लोग ढोल की थाप पर जमकर थिरके और फेस्ट का जमकर लुत्फ उठाया। मेले में मजा लेने के लिए न सिर्फ चंडीगढ, बल्कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल के अलावा अन्य शहरों से लोग आए हुए हैं।  रोज फेस्टिवल के अंतिम दिन प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने अलग अलग श्रेणियों में कला प्रदर्शन करने वाले और प्रतियोगिता में अव्वल आने पर पुरस्कृत किया। इस अवसर पर मेयर सरबजीत कौर, होम सेक्रेटरी नितिन कुमार यादव,  कमिश्नर अनंदिता मित्रा, रूपेश कुमार, दलीप शर्मा, अनूप गुप्ता सहित अन्य पार्षद भी उपस्थित थे।
मेले के अंतिम दिन भी कई रंगारंग कार्यक्रम हुए थे जिनमें मैजिक शो और पंजाब के मशहूर गायक लखविंदर वडाली की लाइव परफॉर्मेंस खास रही थी। वडाली के लाइव परफार्मेंस देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे थे। रोज गार्डन और सेक्टर-17 अंडरपास में खाने पीने के स्टाल भी लगाए गए हैं। लोग यहां आकर मजेदार खाने का स्वाद चख सकते हैं। रोज फेस्टिवल के लिए इस बार चंडीगढ़ नगर निगम ने खास तैयारियां की हैं। फेस्टिवल को आकर्षक बनाने के लिए फूलों की बेहतरीन सजावट की गई है। फेस्टिवल काफी कलरफुल है। करीब 831 विभिन्न किस्मों के रंग-बिरंगे गुलाब महके हुए हैं। 30 एकड़ में फैले इस रोज गार्डन में कुल 1600 किस्मों के गुलाब लगे हैं। कोलकाता से गुलाब की विशेष किस्में भी मंगवाई गई हैं।
रोज फेस्टिवल के आखिरी दिन सबसे पहले सुबह 10 बजे पंडित सुभाष घोष की मॉर्निंग रागा से सांस्कृतिक प्रस्तुति हुई। इसके बाद साढ़े 11 बजे विजय कुमार (ख्याली) का स्टेंडअप कॉमेडी शो था, जिसे देखने के लिए लोग की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं, दोपहर 12 बजे पंजाबी लोक गीतों की प्रस्तुति दी गई। एक बजे बृज के गीत और मयूर डांस जैसे कार्यक्रम हुए। दोपहर 3 बजे नगर निगम विभिन्न प्रतियोगिताओं में बने विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित करेगा। शाम को साढ़े पांच बजे डा. ममता जोशी की सूफी/लोक गीतों पर लाइव प्रस्तुति है। ऐसे में शाम के समय लोगों की ओर ज्यादा भीड़ उमड़ने का अंदेशा है। दो साल बाद फेस्टिवल में म्यूजिकल इवनिंग होंगी। कोरोना के कारण दो साल से केवल औपचारिक रोज फेस्टिवल हो रहा था। तीसरी लहर से निपटने के बाद पहली बार इस तरह से फेस्टिवल भव्य रूप से आयोजित हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.