विधानसभा के डिजीटलाइजेशन पर कोविड का असर

समय पर डिवासिस उपकरण पहुंचने हुए मुश्किल, प्रशिक्षण में भी रुकावट

विधान सभा अध्यक्ष ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक

अधिकारियों ने मांगा 30 अप्रैल तक का समय

चंडीगढ़ ।  हरियाणा विधान सभा को पेपरलैस करने की प्रक्रिया में कोविड की तीसरी लहर बाधा बन गई है। हालात ऐसे बन गए हैं कि संभवत: आने वाला बजट सत्र पेपरलैस नहीं हो सकेगा। अधिकारियों ने विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को बताया कि इसके चलते डिजीटलाइजेशन की नई समय सीमा 30 अप्रैल तक की जाए। 

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने नए हालातों का जायजा लेने और कार्य की प्रगति को ब्योरा लेने के लिए वीरवार को राज्य विधान सभा नेवा के कार्यान्वयन के लिए बनी शीर्ष कमेटी की बैठक बुलाई। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि विधान सभा के डिजीटलाइजेशन के लिए बड़ी संख्या में दूसरे देशों से उपकरण मंगवाए जाने हैं, लेकिन कोविड की तीसरी लहर के चलते कंपनियों ने समय पर डिलीवरी देने में असमर्थता जताई है। कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के चलते प्रशिक्षण कार्य भी प्रभावित हो गया है। विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में अनेक विधायक और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में विधायक वरुण चौधरी, प्रमोद विज, असीम गोयल, चिरंजीव राव, विधान सभा सचिव राजेंद्र कुमार नांदल मौजूद रहे। बैठक में लोक निर्माण विभाग, एनआईसी और निक्स के अधिकारी भी मौजूद रहे। इनमें हरियाणा सरकार में आईटी विभाग विभाग के विशेष सचिव राजनारायण कौशिक, एसईएमटी प्रमुख मुनीष चंदन, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता रवि लडवाल, अरुण सिंहमार, वित्त सचिव जी. कोमल किशोर, एनआईसी के एएसआईओ रमेश गुप्ता और प्रदीप कौशल, निक्सी के महाप्रबंधक सुरजीत सिंह, विधान सभा के संयुक्त सचिव नरेन दत्त, सिस्टम एनालिस्ट सुनील नैन व अन्य अधिकारी शामिल रहे।

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