हिमाचल में 37 उम्मीदवारों की जमानत जब्त, 15 उम्मीदवारों को एक हजार वोट भी नहीं मिले
शिमला । हिमाचल प्रदेश में प्रचंड मोदी लहर के सामने विपक्षी उम्मीदवार टिक नहीं पाए। आलम यह रहा कि राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ रहे 45 उम्मीदवारों में से 37 उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों के साथ-साथ सभी निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी दंगल में लोकतंत्र के पंच से ढेर हो गए। रोचक बात यह रही कि 15 उम्मीवार एक हजार वोट भी नहीं ले पाए। दरअसल जमानत बचाने के लिए कुल मत का 16.6 फीसद मत हासिल करना जरूरी होता है लेकिन 37 उम्मीदवार इस आंकड़े को पार नहीं कर पाए। एक तरफ चारों संसदीय सीट पर भाजपा उम्मीदवारों ने रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज कर इतिहास रचा, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार जैसे-तैसे अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे।
मंडी संसदीय सीट पर सबसे अधिक 17 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, जिनमें से 15 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। हमीरपुर और कांगड़ा सीटों पर नौ-नौ तथा शिमला सीट पर चार उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। मंडी सीट से छह उम्मीदवार एक हजार वोट प्राप्त करने में नाकाम रहे। इसी तरह हमीरपुर सीट से पांच और कांगड़ा सीट से चार उम्मीदवारों को भी एक हजार से कम मतों से ही संतोष करना पड़ा। हमीरपुर से निर्दलीय उम्मीदवार आशीष कुमार को सबसे कम 330 मत पड़े। इसी संसदीय क्षेत्र से एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार अशोक को 412 तथा बहुजन मुक्ति पार्टी के राम सिंह को 473 मत पड़े। मंडी सीट से ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाॅक की उम्मीदवार चंद्रमणी को 505 मत तथा पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया के खेम चंद को 511 मत पड़े। इसी सीट पर चुनाव लड़ रहे माकपा उम्मीदवार दिलीप कायत भी जमानत नहीं बचा पाए और उन्हें 14838 मत मिले। कांगड़ा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार किशन कपूर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के पवन काजल को 4.77 लाख मतों से पराजित किया। अहम बात यह रही कि मत प्रतिशत हासिल करने में किशन कपूर देश में अव्वल रहे। उन्होंने कुल 72.02 फीसदी मत प्राप्त किए।