चुनाव में किसानों पर कार्रवाई को लेकर दुविधा में प्रशासन

हुड्डा व चौटाला कर चुके हैं किसानों के लिए बड़े ऐलान

चंडीगढ़ । हरियाणा में धान के सीजन के दौरान हर तरफ धुआं-धुआं दिखाई देगा। हरियाणा में चुनाव के चलते सत्तारूढ़ भाजपा जहां किसानों की नाराजगी मोल लेने के पक्ष में नहीं है, वहीं सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी चुनावी ड्यूटी में व्यस्त होने के कारण इस मामले में कोई कार्रवाई करने से गुरेज करता हुआ दिखाई देगा।

हरियाणा में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी गेहूं का सीजन था। सरकारी अमला चुनाव में व्यस्त रहा और राजनीतिक दल अपने सबसे अहम वोट बैंक किसानों को लुभाने में लगे रहे। जिसके चलते किसानों ने अपने खेतों में जमकर गेहूं के ठूंठ जलाए, लेकिन प्रशासनिक अमले ने न के बराबर कार्रवाई की। अब हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं और प्रदेश के खेतों में धान की कटाई शुरू होने जा रही है। जिसके मद्देनजर हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिला उपायुक्तों को प्रदेश में किसानों द्वारा पराली न जलाने के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं।
दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा के सभी जिला उपायुक्त इस समय बतौर जिला निर्वाचन अधिकारी काम कर रहे हैं। दूसरा अधिकतर जिलों का सरकारी अमला चुनावी ड्यूटी में व्यस्त हैं। ऐसे में पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध कार्रवाई पर अभी से संशय के बादल मंडरा रहे हैं। दूसरी तरफ चुनावी मौसम में सभी राजनीतिक दलों का मुख्य वोट बैंक किसान हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा इनेलो नेता अभय चौटाला अपने-अपने क्षेत्र में चुनावी रैलियों के दौरान किसानों के संबंध में कई बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं। किसान संगठन भाजपा से पहले ही नाराज चल रहे हैं। इन परिस्थितियों में सरकार भी किसानों की नाराजगी मोल लेने के मूड में नहीं है। जिसके चलते सरकार भी पराली जलाने वाले किसानों के प्रति नरम रुख अपनाएगी। राजनीतिक कारणों के चलते किसानों को मिलने वाली छूट का खामियाजा हरियाणा की आम जनता भुगतेगी।

प्रदेश में गुरुवार से जहां मौसम करवट बदल चुका है, वहीं धान की कटाई भी शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किए जाने के बावजूद हरियाणा में पिछले एक सप्ताह के दौरान पुलिस द्वारा नाममात्र चलान किए जा रहे हैं। 
चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वह प्रदेश के लोगों को पहले नए मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में जागरूक करे, उसके बाद ही नए एक्ट के तहत चालान किए जाएं। वर्तमान में पुलिस द्वारा नए एक्ट के तहत चालान करने के मामले में ढील बरती जा रही है। इसके पीछे अधिकारियों के तर्क भले ही कुछ और हों, लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते चालान नहीं किए जा रहे हैं। 

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