टीएचडीसी का विनिवेश कर एनटीपीसी को सौपे जाने के विरोध में ट्रेड यूनियनो ने धरना दिया

ऋषिकेश । समाजवादी पार्टी सहित विभिन्न ट्रेड यूनियनों से जुड़े संगठनों ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का विनिवेश कर एनटीपीसी को सौपे जाने के विरोध में टीएचडीसी कारपोरेट कार्यालय के बाहर सर्वदलीय धरना आयोजित किया। धरने में सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (एमएल), सपा व बसपा के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार की नीतियों की निंदा की।
 विभिन्न दलों ने  शुक्रवार को टीएचडीसी कारपोरेट कार्यालय के मुख्य गेट के बाहर धरना दिया। सीपीआई के प्रदेश सचिव समर सिंह भंडारी ने कहा कि केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट मामलों की समिति ने टीएचडीसी के अपने 75% हिस्से का विनिवेश एनटीपीसी को सौंपने का निर्णय लिया है, जो सरासर गलत है। इस फैसले के विरोध में प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं, किंतु केंद्र सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी एक लाख पर चल रही इकाई है इस तरह के विनिवेश से टीएचडीसी घाटे में चली जाएगी। जिसका भारी आर्थिक व सामाजिक नुकसान उठाना होगा। कारपोरेशन में काम कर रहे लोगों का रोजगार भी असुरक्षित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी वर्तमान में भूटान सहित 13 परिजनों में कार्य कर रही है। ऐसे में 45 फ़ीसदी सरकारी हिस्सेदारी वाली योजना को एनटीपीसी को देना दुर्भाग्यपूर्ण है। दलों ने इस संबंध में राज्यपाल व प्रधानमंत्री को भी विरोध पत्र प्रेषित किया।
 धरना देने वालों में सीपीआई के प्रदेश सचिव राजेंद्र नेगी, सीपीआई (एमएल) के इंद्रेश मैखुरी, सपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एसएन सचान, ईश्वर लाल शर्मा, राजेंद्र पुरोहित, अशोक शर्मा, सुरेंद्र सिंह सजवान, एमएस वर्मा, अनंत आकाश, जगदीश कुलियाल, लेखराज, वीरेंद्र शर्मा, विजयपाल, अश्वनी त्यागी, पुरुषोत्तम बडोनी आदि उपस्थित थे।

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