डायमेकिंग का कार्य हुआ ठप्प, कारीगरों पर मंडराया आर्थिक संकट

 मुंबई। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के कारोबारियों में हलचल मचा रखी है। इस वायरस की चपेट में पालघर के समुद्री तट के इलाकों में होने वाला डायमेकिंग का कारोबार भी आ गया है, जो इस क्षेत्र में रहने वाले करीब 20 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है।पालघर जिले के पश्चिमी तट पर बसे तारापूर, चिंचणी, वरोर,वासगाव,वाढवण,ओसार,डहाणू खाडी,गुंगवाडा, तनाशी जैसे कई गांवों में पारंपरिक तौर पर सोने और चांदी के गहने के सांचे बनाए जाते हैं। यहां बनाये गए सांचो की देश के साथ-साथ दुबई,बांगलादेश,श्रीलंका,मलेशिया,सिंगापुर जैसे देशों में भी अच्छी खासी मांग है। लेकिन कोरोना वायरस के संकट के कारण यहां के लोगो का व्यापार ठप्प सा हो गया है। जिससे इस व्यवसाय से जुड़े कारीगरो पर बड़ा आर्थिक संकट आ गया है। कुछ कारीगरों ने अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए बैंक से कर्ज ले रखा है। कारीगरों का कहना है, कि उनका व्यवसाय करीब-करीब बंद पड़ गया है। जिससे बैंकों का लिया ऋण चुकाना भी मुश्किल हो रहा है। पिछले कई वर्षों से डायमेकिंग का कारोबार करने वाले संदेश चौधरी ने बताया कि पहले दो महीनों में कारीगरों को दस से पंद्रह लाख तक का भी ऑर्डर मिल जाया करता था, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे के बाद व्यापारियों और कारीगरों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया। जिससे अब परिवार चलाना भी भारी हो रहा है। डायमेकिंग के एक अन्य कारीगर रमेश पाटिल ने बताया कि कारीगरों को भय है, कि अगर कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा दिनो तक रहा तो यह व्यवसाय पूरी तरह मंदी के चपेट में आ सकता है। 

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