फर्रुखाबाद में तेईस बच्चों की आजादी के साथ ‘खत्म हुआ सुभाष-रूबी का खूनी खेल’

मुकदमा वापस लेने के लिए बच्चों को बनाया था बंधक, पुलिस की गोली से हुआ  ढेर, ग्रामीणों की पिटाई से पत्नी की भी मौत

फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) । तेईस मासूम बच्चों को बंधक बनाकर मुकदमा वापस लेने का मंसूबा पाल बैठा सुभाष बाथम आखिरकार पुलिस के  ‘ऑपरेशन मासूम’ में ढेर हो गया। सभी बच्चे सकुशल हैं। उन्हें इस सनकी के चंगुल से छुड़ा लिया गया। ऑपरेशन मासूम सफल रहा। भीड़ के हत्थे चढ़ी बाथम की पत्नी रूबी की मौत हो गई।  शासन ने पुलिस टीम को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। थाना मोहम्मदाबाद के ग्राम करथिया का सुभाष बाथम हत्या के एक मामले में हाल ही में जेल से जमानत पर रिहा हुआ था। उसने अपनी पत्नी रूबी के सहयोग से गुरुवार शाम 23 बच्चों को अपनी बेटी के जन्मदिन की पार्टी के नाम पर बुलाकर उन्हें अपने घर में बंधक बना लिया।  इस सूचना से हड़कंप मच गया। फर्रुखाबाद से लखनऊ तक हलचल मच गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने आला अधिकारियों से चर्चा की। कमांडों भेजने का फैसला किया गया। कानपुर परिक्षेत्र के आईजी मोहित वर्मा को रात को करथिया भेजा गया। आईजी के नेतृत्व ‘ऑपरेशन मासूम’ शुरू किया गया। रात करीब 1ः15 बजे बच्चों को सकुशल मुक्त कराया जा सका। इससे पहले सुभाष बाथम ने गोलीबारी करते हुए बम फेंके। इसमें मोहम्मदाबाद के प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार सहित तीन लोग घायल हो गए। इस दौरान वह पुलिस की गोली में मारा गया। इसके बाद बच्चों को सकुशल घर से बाहर निकालकर उनके परिजनों को सौप दिया गया। जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने पुलिस की भूमिका की सराहना की है। शातिर सुभाष बाथम के तहखाने से मुक्त हुए आकाश (12) पुत्र ब्रिज किशोर, अंजली(15) पुत्री वीरेंद्र सहित अधिकांश बच्चों का कहना है कि शक्तिमान रात में आया और उन्हें तलघर से निकाल कर घर भेज दिया। उप जिलाधिकारी (सदर) ने बताया है कि  शुक्रवार को सुभाष बाथम के शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। ऑपरेशन मासूम 12 घंटे चला। गांव के विपिन सिंह का कहना है कि सुभाष ने यह सब अपने ऊपर दर्ज हत्या के मुकदमे को वापस लेने के लिए रचा। मगर उसका इरादा पूरा नहीं हुआ। बच्चों के आजाद कराते समय गुस्साई भीड़ ने बाथम की पत्नी रूबी को बुरी तरह पीटा। पुलिस ने रूबी को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत होगई। 

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