मध्य प्रदेश में आईफा पर कोहराम, नेता प्रतिपक्ष भार्गव के आरोपों पर कमलनाथ सरकार मौन

भोपाल। मध्‍य प्रदेश की धरती पर पहली बार अगले माह आईफा अवॉर्ड्स समारोह का आयोजन 27 से 29 मार्च के बीच होने जा रहा है, जिसे लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा और अन्‍य विपक्षी नेताओं खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े नेताओं ने सूबे की कांग्रेस के नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार को घेरा है। कांग्रेस सरकार इस मामले में चारों ओर से घिरी नजर आ रही है। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन वह कुछ बोल नहीं रही है।  नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मंगलवार को आईफा अवार्ड पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आईफा अवार्ड मध्‍यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के निकम्मेपन, नाकारापन और वादाखिलाफी का जश्न है। प्रदेश सरकार एक साल  बाद भी किसानों का कर्जमाफ नहीं कर सकी है। सरकार ने वृद्धजनों के लिए जिलों की निराश्रित निधि के 750 करोड़ भी अन्यत्र खर्च कर दिए। हड़ताल पर बैठे अतिथि विद्वानों को नौकरी से निकाला जा रहा है और सरकार का यह तर्क की आईफा से रोजगार बढे़गा, हास्यास्पद है।

उन्‍होंने सोशल मीडिया के जरिए ट्वीट करते हुए सरकार से प्रश्‍न किया कि एक तरफ कमलनाथ की सरकार तत्कालीन भाजपा सरकार पर दोषारोपण करती है कि खजाना खाली छोड़ा है। लेकिन फिजूल खर्ची के लिए मप्र की कांग्रेस सरकार के पास पैसा कहां से आ रहा है। आईफा अवार्ड पर करीब 58 करोड़ से अधिक राशि खर्च करने जा रही है। इसकी तैयारियों के लिए सरकारी मशीनरी को लगाया गया है। सरकार में बैठे लोगों को आईफा अवार्ड जैसे नाच गाने का शौक है तो बड़े शहरों में जाकर अपने पैसों से अपने शौक पूरे करें। जनता की गाढ़ी कमाई ऐसे आयोजनों पर खर्च करना जनता का अपमान है। इसे प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। उनका कहना यह भी है कि यह आईफा अवार्ड प्रदेश की जनता के पैसों से कमलनाथ सरकार के नाकारापन, वादाखिलाफी, दलित और आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचारों का जश्न है। गरीबों की चिंता करने की बजाय कमलनाथ सरकार फिल्म स्टारों की आवभगत में लगेगी। 

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