राज्य सरकार नकली बीजों, खादों और दवाओं को मुकम्मल तौर पर करेगी ख़त्म: कुलदीप सिंह धालीवाल

कहा, किसानों को धोखे में रखकर बेचे गए गुजराती बीज के मामले की होगी जांच
230 टीमों द्वारा एक ही दिन में 757 स्थानों पर कपास की फ़सल का किया सर्वेक्षण
किसानों का किसी भी प्रकार से नहीं होने दिया जाएगा फ़सल का नुकसान
28 जुलाई को फिर खेतों का किया जाएगा दौरा
बठिंडा/चंडीगढ़। मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के योग्य नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याण और आधुनिक तरीकों से कृषि को बढ़ावा देने के लिए जहाँ विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं राज्य सरकार नकली बीजों, खादों और दवाओं को मुकम्मल तौर पर ख़त्म करेगी। कृषि क्षेत्र के हर प्रकार के माफ़ीए पर नकेल कसी जाएगी। कपास पट्टी के किसानों को धोखे में रखकर बेचे गए गुजराती बीज के मामले की भी जांच की जाएगी। इन बातों का प्रगटावा ग्रामीण विकास एवं पंचायतें, कृषि और किसान कल्याण और प्रवासी भारतीय मामले मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने जि़ले के अधीन आने वाले विभिन्न गाँवों जोधपुर रोमाना, फूलो मिठ्ठी, पक्का कलाँ, दुनेवाला, तरखानवाले और गुरूसरसैने वाला के खेतों में कपास की गुलाबी सूंडी और सफ़ेद मच्छर के सर्वेक्षण करने के मौके पर किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास श्री सरबजीत सिंह, डिप्टी कमिश्नर श्री शौकत अहमद परे और कृषि के डायरैक्टर स. गुरविन्दर सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।
अपने दौरे के दौरान कैबिनेट मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने किसानों को विश्वास दिलाया कि उनकी फ़सल का किसी भी प्रकार का कोई भी नुकसान नहीं होने दिया जाए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि फ़सलीय विभिन्नता को सफल बनाने के लिए मूँग की दाल की तरह मक्का और अन्य सहायक फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए इन फसलों के लिए मंडीकरण पर ज़ोर दिया जाएगा। इस दौरान किसानों द्वारा उनके ध्यान में लाने और कई पेट्रोल पंप विक्रेताओं द्वारा किसानों को अपेक्षित एक वस्तु के साथ कई अन्य जबरन वस्तुएँ भी खऱीदने के लिए मजबूर किया जाता है और उन अधिकारियों को सख़्त हिदायत की कि ऐसे विक्रेताओं के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही करके उनका लाइसेंस रद्द किया जाए।
इसके उपरांत ग्रामीण विकास एवं पंचायतें, कृषि और किसान कल्याण एवं प्रवासी भारतीय मामले मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए हरेक पक्ष से उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी है। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि पंजाब के किसानों को गंभीर संकट में से निकालने के लिए कृषि को लाभप्रद धंधा बनाने पर किसानों को गेहूँ-धान के फ़सलीय चक्र में से बाहर निकालने और कृषि को अलग-अलग आधुनिक तरीकों से करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा प्रयास जारी हैं। उन्होंने अन्य सवाल के जवाब में कहा कि विभाग द्वारा नियुक्त की गई टीमों द्वारा फिर 28 जुलाई को कपास की फ़सल से सम्बन्धित खेतों का दौरा करके जायज़ा लिया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि गुलाबी सूंडी और सफ़ेद मच्छर की रोकथाम के लिए कृषि विभाग द्वारा तीन सदस्यीय फ्लाइंग सक्यार्ड का गठन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस सम्बन्धी जल्द ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा, जिससे आम लोग इसका अधिक से अधिक लाभ ले सकें। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि विभाग द्वारा बनाई गई अलग-अलग 230 टीमों द्वारा आज 757 स्थानों पर जाकर कपास की फ़सल का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 370 स्थानों पर सफ़ेद मच्छर और 14 स्थानों पर नाम मात्र गुलाबी सूंडी का प्रभाव देखने को मिला है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी विक्रेता नकली कीटनाशक दवा या निर्धारित की गई दरों से अधिक दरों पर बेचता पाया जाता है तो उसके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
इससे पहले जि़ला प्रशासनिक कॉम्पलैक्स में कैबिनेट मंत्री द्वारा मालवा पट्टी के कपास बिजाई करने वाले 7 जिलों बठिंडा के अलावा मानसा, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, बरनाला, फरीदकोट और संगरूर के अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के पास से जहाँ कपास की फ़सल को गुलाबी सूंडी और सफ़ेद मच्छर से बचाने के लिए अब तक किए गए कार्यों सम्बन्धी रिपोर्ट हासिल की गई वहीं उन्होंने अधिकारियों को आने वाले दिनों में और अधिक सक्रियता से अधिक से अधिक कैंप लगाकर किसानों को गुलाबी सूंडी और सफ़ेद मच्छर से छुटकारा दिलाने के लिए ज़रुरी आदेश भी दिए।
इस मौके पर मुख्य कृषि अधिकारी स. पाखऱ सिंह के अलावा पीएयू के वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ आदि अधिकारी उपस्थित थे।

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