*राणा गुरजीत के साथ बैठकर रेत माफिया पर नकेल नहीं कस सकते मुख्यमंत्री चन्नी: हरपाल सिंह चीमा*

-धर्मसोत समेत भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए ‘आप’ ने एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया*
-पंजाब और किसानी के लिए घातक है भारत भूषण आशु का दोबारा मंत्री बनना*
चंडीगढ़ । आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट में शामिल किए जाने से मुख्यमंत्री के उस दावे को हवाई करार दिया है, जिसमें चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि रेत माफिया मुझे(मुख्यमंत्री) को मिलने की कोशिश न करें। चीमा ने कहा, ”जब माइनिंग माफिया का सरगना ही कैबिनेट में आ बैठा है तो रेत माफिया को लेकर मुख्यमंत्री चन्नी के ऐसे दावे लोगों को गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं’’।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भ्रष्ट और दागी नेताओं को कैबिनेट में शामिल किए जाने से साबित हो गया है कि कांग्रेस चेहरे बदलकर भी अपना किरदार नहीं बदल सकती। वरिष्ठ मंत्रियों की कैबिनेट में एंट्री से चन्नी के उस दावे की भी हवा निकल गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि या वह रहेंगे या भ्रष्टाचारी रहेंगे। चीमा ने तर्क दिया कि दागी मंत्रियों का केवल विरोधी पक्ष होने के नाते विरोध नहीं कर रहे, बल्कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक भी इनका विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस विधायकों द्वारा सोनिया गांधी को लिखे पत्र ने ‘आप’ के आरोपों की पुष्टि कर दी है। चीमा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री चन्नी अपने भ्रष्टाचार विरोधी दावे पर कायम रहते तो किसी भी कीमत पर दागी मंत्रियों की एंट्री कैबिनेट में नहीं होने देते। लेकिन चन्नी अपनी कुर्सी के लिए कांग्रेस हाईकमान और स्वयंभू सुपर सीएम नवजोत सिंह सिद्धू के सामने दब गए हैं। इन्हीें कमजोरियों के कारण कांग्रेस को भ्रष्टाचार की जन्मदाती कहा जाता है। चीमा ने कांग्रेस के मापदंडों पर भी हैरानी जताते हुए कहा कि वैसे तो कांग्रेस में कोई भी नेता दूध का धूला नहीं है। लेकिन भारत भूषण आशु, राणा गुरजीत सिंह, राजा वडिंग और गुरकीरत कोटली की कैबिनेट में एंट्री ने चन्नी, सिद्धू और गांधी परविार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस को इसका जवाब पंजाब के लोगों को देना पड़ेगा। चीमा ने कहा कि लुधियाना लैंड माफिया से जुड़े विवादों के अलावा भारत भूषण आशू दस हजार करोड़ रूपये के मंडी माफिया को भी कंट्रोल करते हैं। बाहरी राज्यों से गेहूं/धान लाकर पंजाब की मंडियों में बेचने वाला गिरोह आशु की सरपरस्ती में पंजाब के खजाने और किसानों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। हजारों करोड़ रूपये के इस गोलमाल के कारण ही केंद्र की मोदी सरकार को पंजाब में फसल खरीद पर शर्तें लगाने का मौका दिया। धान की खरीद की मात्रा पर तय की गई सीमा इसकी ताजा मिसाल है। लेकिन कांग्रेस ने आशु पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय उसे दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के लिए हमेशा सम्मानजनक जगह बरकरार रहेगी। चीमा ने चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए चेताया कि यदि पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत समेत अन्य भ्रष्टाचारी मंत्रियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किए गए तो आम आदमी पार्टी(आप) चन्नी सरकार के खिलाफ राज्य स्तरीय संघर्ष का बिगुल बजा देगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.