जिला मोगा द्वारा पराली जलाने की समस्या से निजात दिलाने के लिए बड़ी छलांग

धान की पराली की गांठें बनाने के लिए किसानों को 3 करोड़ रुपये से खरीदे 20 बेलर दिए
एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के तहत किसानों के कल्याण के लिए प्राप्त धन को खर्च करके मिली वास्तविक संतुष्टि – संदीप हंस
चंडीगढ़/मोगा । फसली अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण से जिले को निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है।  जिला प्रशासन द्वारा एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के तहत प्राप्त 3 करोड़ रुपये की राशि से 20 बेलर आज स्थानीय दाना मण्डी में आयोजित एक समारोह में सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को प्रदान किये गये।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि लोकसभा सदस्य मोहम्मद सदीक एवं विशिष्ट अतिथि मोगा विधायक डॉ. हरजोत कमल, फिरोजपुर डिवीजन के कमिश्नर श्री दलजीत सिंह मांगट उपस्थित थे।  इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर श्री संदीप हंस, जिला पुलिस प्रमुख श्री धर्मन एच. निंबले, पूर्व विधायक श्रीमती राजविंदर कौर भगीके, जिला योजना बोर्ड के अध्यक्ष श्री इंद्रजीत सिंह बीर चारिक, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन श्री विनोद बंसल, मैशियो कंपनी के इंडिया हेड श्री पंकज झा आदि सहित अन्य प्रमुख उपस्थित थे।
 समारोह को संबोधित करते हुए मोहम्मद सदीक, डॉ. हरजोत कमाल और श्री दलजीत सिंह मांगट ने कहा कि आज का समय किसानों के जीवन और पर्यावरण को बचाने के लिए कदम उठाने का है। उन्होंने कहा कि बिना तकनीक के खेती करने से किसानों की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। फसल अवशेष जलाने की प्रवृत्ति भी इसी कुंठा से पैदा होती है। उन्होंने दावा किया कि किसानों को उपलब्ध कराए गए बेलर से उन्हें काफी फायदा होगा। उन्होंने किसानों को बधाई दी और पराली जलाने की प्रथा को बंद करने की अपील की।
समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री संदीप हंस ने कहा कि पंजाब सरकार का कृषि एवं किसान कल्याण विभाग धान की पराली के उचित प्रबंधन के लिए किसानों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है और इसके तहत किसानों को पहले ही धान की पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। पंजाब सरकार कृषि उपकरण प्रदान कर रही है जो किसानों को पर्यावरण के अनुकूल खेती में मदद करती है ताकि पंजाब का पर्यावरण स्वच्छ रहे और प्रत्येक नागरिक स्वस्थ जीवन जी सके।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा जारी एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम रैंकिंग में जिला मोगा को देश के 5 सबसे महत्वाकांक्षी जिलों की सूची में शामिल किया गया है जिसके तहत जिला मोगा को 3 करोड़ रुपये की राशि जारी की गयी है। इस बात का खुलासा करते हुए आज यहां श्री हंस ने बताया कि इस राशि के समुचित उपयोग के उद्देश्य से धान की पराली के उचित प्रबंधन के लिए जिला मोगा के लिए 20 बेलर खरीदे गए हैं। ये अजीतवाल, डाला, घाल कलां, खोसा पंडो, मनुके, चांद नवां, गाजियाना, बधनी कलां, किशनपुरा कलां और कोट मुहम्मद खान सहित जिले के 20 चयनित गांवों की सहकारी समितियों को दिए जा रहे हैं। इन गांवों में धान की कटाई के बाद पुआल की गांठें बनाकर बायोमास प्लांट में भेजी जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सहकारी समिति को 2 बेलर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के तहत प्राप्त राशि को किसानों के कल्याण और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए खर्च किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जब इस राशि की घोषणा की गई तो उनके मन में किसानों के लिए कुछ करने का था, जो आज पूरा हो गया है।
मुख्य कृषि अधिकारी मोगा डॉ. बलविंदर सिंह ने कहा कि मोगा जिले में जीरो प्रतिशत स्टबल बर्निंग के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि विभाग प्रशासन के सहयोग से दिन रात काम कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों से जिले के प्रगतिशील किसान धान की पराली में आग लगाए बिना गेहूं की फसल बीज रहे हैं और सफलता हासिल की है।
उपरोक्त के अलावा अपर उपायुक्त श्री हरचरण सिंह एवं श्री सुभाष चंद्रा, एसडीएम मोगा श्री सतवंत सिंह, एसडीएम धर्मकोट श्रीमती चारू मीता, एसडीएम निहाल सिंह वाला श्री राम सिंह, एसडीएम बाघपुराणा श्री राजपाल सिंह, सहायक कमिश्नर मोगा गुरबीर सिंह कोहली, मुख्य कृषि अधिकारी मोगा डॉ. बलविंदर सिंह, कृषि विकास अधिकारी जसविंदर सिंह बराड़, अन्य अधिकारी सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
 बॉक्स – किसान नेताओं ने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए पराली न जलाने का आश्वासन दिया
 भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता श्री भूपिंदर सिंह महेश्वरी, श्री निर्मल सिंह मनुके, श्री सुखजिंदर सिंह खोसा, श्री इकबाल सिंह सरपंच ग्लोटी, श्री जगतार सिंह छोटिया, श्री गुरबचन सिंह चानूवाला, श्री सूरत सिंह कादरवाला, श्री प्रीतम सिंह बाघापुराणा, श्री बलदेव सिंह खोसा जो आज के समारोह में बड़ी संख्या में उपस्थित थे, ने कहा कि आज के किसानों को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए उन्हें आर्थिक सहायता और तकनीक प्रदान करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने किसानों को बेलर उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि वे भविष्य में कभी भी पराली नहीं जलाएंगे।

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