लोकसभा में उठा उड़ान किरायों का मुद्दा, 10 सालों ने नहीं बढ़ा किराया

नई दिल्ली । लोकसभा में गुरुवार को हवाई यात्रा से जुड़े किराये का मुद्दा उठा जिस पर नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विमान किराये को लेकर समय-समय पर डीजीसीए के अधिकारी विमानन कंपनियों के साथ किराए संबंधित विषयों पर बैठक करते हैं। उन्होंने सदन को बताया कि पिछले दस सालों में देश में हवाई किराए में वृद्धि नहीं हुई है।

सदन में प्रश्नकाल के दौरान उज्जैन से सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि सरकार निजी विमानन कंपनियों को मनमाने दाम वसूलने से कैसे रोक रही है। वहीं पिनाकी मिश्रा ने पूछा कि आपात स्थितियों में निजी विमानन कंपनियां 90 हजार तक किराया वसूलती हैं, इसे रोकने के लिए सरकार अधिकतम सीमा तय करनी चाहिए।

हरदीप पुरी ने कहा कि बाजार में निजी कंपनियां प्रतिस्पर्धा में काम कर रही हैं। प्रतिस्पर्धा के चलते विमानन कंपनियां बहुत कम मुनाफे पर संचालन कर रही हैं। पिछले दस सालों 2010 से लेकर 2019 तक यात्री किराये में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। इसके अलावा समय-समय पर दामों को लेकर डीजीसीए निजी विमानन कंपनियों के साथ बैठक कर विषयों को देखता है।

विकट परिस्थितियों में विमानन कंपनियों के अधिक दाम वसूलने पर हरदीप पुरी ने कहा कि अधिकतम सीमा तय करने से यात्रियों को ही नुकसान होगा। इस पर विपक्ष ने हंगामा किया और कहा कि पुरी निजी कंपनियों के दाम बढ़ाने को सही ठहरा रहे हैं। इसके बाद विपक्ष की ओर से सदन में शोर-शराबा होने लगा, जिसके जवाब में पुरी ने कहा कि वह दाम बढ़ाए जाने का समर्थन नहीं कर रहे हैं ।

वहीं हंगामे की स्थिति में भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सरकार एयर इंडिया से अपने दाम घटाने को कहने में असमर्थ है, ऐसे में वह निजी कंपनियों को कैसे यह राय दे सकती है।

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