शुक्रवार का दिन स्कूली बच्चों पर बडा कहर बन कर बरपा
कार्मल कॉनवेंट में 250 साल पुराना हैरीटेज ट्री के गिरने से एक बच्चे की मौत व 3 गंभीर रूप से घायल
एक बच्ची का हाथ केवल मास के लोथड़े के सहारे लटका हुआ था जिसे डॉक्टरों को इलाज के दौरान काट दिया
चंडीगढ़| चंडीगढ़ में शुक्रवार का दिन स्कूली बच्चों पर बडा कहर बन कर बरपा| सेक्टर-9 स्थित कार्मल कान्वेंट स्कूल में सुबह करीब साढ़े 11 बजे 250 साल पुराना एक विशालकाय पेड़ टूटकर गिर गया। पेड़ गिरने से कई बच्चे इसकी चपेट में आ गये।एक बच्ची की पीजीआइ में मौत हो गई । हादसा उस समय हुआ जब सभी बच्चे रिसेस टाईम में पेड के नीचे बैठ कर लंच कर रहे थे कि अचानक विशालकाय पेड काल बनकर बच्चों के ऊपर गिर गया | पेड की टहनियों के तीखेपन ने एक बच्ची की ज़िंदगी तक लील ली | चीख पुकार मचने पर व पेड टूटने के धमाके से बाहर खडे स्कूली बसों के ड्राईवरो ने स्कूल में दाखिल हो पेड के नीचे दबे जख्मी हालात में बच्चों को निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया |
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार हादसा स्थल पर खून का बिखराव इतना था कि दिल दहल उठा था | जख्मी बच्चों में किसी के सिर में,किसी की पीठ में तो किसी की बाजूओ को इतनी बुरी तरह काट दिया था जैसे किसी तीखे हथियार से काटा गया हो |
10 वीं कक्षा की इशिता को बचाने वाले शख्स ने बताया कि इशिता की बाजू केवल थोडे से मास के सहारे लटक रही थी व बहुत सारा खून बह चुका था | इशिता की बात करें तो भगवान को इतना मानने वाली बच्ची है कि किसी भी धार्मिक स्थल के आगे से निकलते हुये अपना सीस झुका कर हाथ जोड कर ही निकलती है |
हिराक्षी मात्र 16 साल की थी
जानकारी अनुसार हादसे में जिस बच्ची की मौत हुई है उसका नाम हिराक्षी है। 16 साल की हिराक्षी 10वीं कक्षा की स्टूडेंट थी। हिराक्षी के माता-पि ता हिमाचल प्रदेश के शिमला गए हुए थे। हादसे की जानकारी मिलने के बाद वह करीब 4 बजे पीजीआइ चंडीगढ़ पहुंचे। दोनों का रो रोकर बूरा हाल था। स्कूल प्रशासन ने उन्हें हादसे की जानकारी दे दी थी। जानकारी मिलते ही हिराक्षी के पेरेंट्स चंडीगढ़ पहुंचे। तब तक हिराक्षी का शव पीजीआइ की मोर्चरी में रखा गया था। हादसे में 15 से ज्यादा बच्चे और एक अटेंडेंट भी घायल हुई , जिनमें से 3 से 4 बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, स्कूल बस अटेंडेंट शिला की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। उसका पीजीआइ चंडीगढ़ के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। 250 साल पुराना था पीपल का पेड़
हादसा उस समय हुआ जब स्कूल में लंच टाइम था और कई बच्चे इस बड़े पेड़ के पास खेल रहे थे और कुछ बच्चे पेड़ के पास बैठकर खाना खा रहे थे। तभी अचानक पेड़ बच्चों के ऊपर गिर गया। घायल बच्चों को जीएमएसएच-16 में भर्ती करवाया गया । कुछ घायल स्टूडेंट्स को पीजीआइ और कुछ को प्राइवेट अस्पतालों में भी ले जाया गया । स्कूल परिसर के भीतर जो पेड़ गिरा वह 250 साल पुराना पीपल का हेरिटेज ट्री है।
3 से 4 बच्चों की हालत गंभीर
वहीं हादसे की सूचना मिलते ही अभिभावक भी स्कूल पहुंचने शुरू हो गए थे । बता दें कि गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद एक जुलाई से दोबारा स्कूल शुरू हुए हैं। जानकारी के मुताबिक 3 से चार बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिनका जीएमएसएच-16 और पीजीआइ में इलाज चल रहा है।
मृतक हिराक्षी के पिता की अपनी स्वीट शाप
मृतक 10वीं की स्टूडेंट हिराक्षी के पिता पंकज कुमार की अपनी स्वीट शाप है। उनकी सेक्टर 35 में राजेश स्वीट नाम से दुकान है। इसके अलावा वह सेक्टर 35 में स्वीट शाप के साथ कैटरिंग का भी काम करते हैं। इनका कैटरिंग का काम सेक्टर 43 में हैं। हिराक्षी की एक बड़ी बहन भी है।
स्कूल बसों पर भी गिरी पड़े की बड़ी टहनियां
बता दें कि स्कूल परिसर में यह विशालकाय पेड़ टूटकर गिरने से वहां खड़ी स्कूल की बसें भी चपेट में आई। पेड़ की बड़ी बड़ी टहनियां बसों के गिर जाने से बसें क्षतिग्रस्त हुई ।
मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी
चंडीगढ़ पुलिस के डीआइजी दीपक पुरोहित और आइजी सहित एसपी सिटी श्रुति अरोड़ा और पुलिस टीम भी पहुंची। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी स्कूल पहुंचे । आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष प्रेम गर्ग और एरिया पार्षद भी मौके पर पहुंचे । शिक्षा विभाग के अधिकारी भी जीएमएसएच 16 में घायल बच्चों की स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचे ।
शहर में कई पेड़ हो चुके हैं खोखले
बता दें कि इससे पहले भी कई बार शहर में पुराने पेड़ गिरने से हादसे हुए हैं। शहर में बहुत से ऐसे पेड़ हैं जो कई साल पुराने हैं। इन पुराने पड़ों को दीमक लग चुके है और यह अंदर से खोखले हो चुके हैं। बारिश या तूफान होने पर यह पेड़ गिर जाते हैं जिससे जान माल दोनों का नुकसान होता है।