संत गोपाल दास ने गंगा निर्मलता के लिए दिया 10 दिन का अल्टीमेटम

सीएम आवास पर आमरण धूनी रमाने की दी चेतावनी

देहरादून । गंगा रक्षा के लिए आंदोलनरत संत गोपाल दास ने गंगा की निर्मलता और जल संरक्षण को लेकर केन्द्र और प्रदेश सरकार को दस दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि इन दस दिनों में गंगा की शुद्धता को लेकर सरकार उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती है तो वो आमरण (टिल डेथ) धूनी रमाएंगे। इससे पहले भी वे 165 दिन तक आंदोलनरत रहे थे।
मातृसदन के संत गोपाल दास ने शुक्रवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में केन्द्र और प्रदेश सरकार पर गंगा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की शुद्धि-बुद्धि के साथ शनि का प्रकोप खत्म हो यही मेरी प्रार्थना है। आज से हम सीएम आवास पर धूनि रमाएंगे। अगर गंगा की शुद्धता पर सरकार मांगों को 10 दिन में मानती है तो वह खुद को गोली मार लेंगे।गोपाल दास ने कहा कि “गंगा” हमारे लिए मां के स्वरूप है। इसलिए गंगा हमारे लिए पवित्र होने के साथ पूजनीय भी हैं। गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए सच्चे मन से काम ही नहीं हुआ। कुछ पूंजीपतियों और चंद राजनीतिक तानशाह लोगों की बात को सरकार सुनती है। इसके लिए जनता भी दोषी है। हमे बिना डर के गंगा विरोधी लोगों के खिलाफ काम करना होगा। विकास तभी ठीक है जब ​गंगा और हिमालय की शुद्धता बनी रहे। आज प्रदेश में पलायन की मार ने राज्य को कमजोर ​कर दिया है, इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। संत गोपाल दास ने कहा कि हम गंगा की शुद्धता को बचाने के पक्षधर हैं लेकिन सरकार विकास के आड़ में गंगा की नष्ट करने पर आमादा है। यही कारण है कि आज तक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के मानकों को तार-तार किया है। जो कुछ काम किया भी वो सिर्फ दिखावे के लिए।

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