हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने सिक्किम विधान सभा में अपना सम्बोधन दिया

शिमला। सिक्किम विधान सभा द्वारा गंगटोक में आयोजित 19वें वार्षिक राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ सम्मेलन, भारत क्षेत्र जोन -III को सिक्किम विधानसभा “संसद और राज्य विधान सभाओं को जनता /नागरिकों को अधिक सुलभ बनाने ” विषय पर सम्बोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भारतीय संसद लोकतन्त्र के सिद्धांतों में भारत के लोगों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। यह सहमति से निर्णय लेने की प्रक्रिया और सरकार में लोगों की भागीदारी है। श्री पठानिया ने कहा कि संसद देश में कानून बनाने वाली सर्वोच्च संस्था है जबकि विधान सभाऐं राज्यों में कानून बनाने संस्थायें वाली है तथा दोनों व्यवस्थित तरीके से कार्य करती है। श्री पठानिया ने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली में संसद तथा राज्य विधान सभाओं के पास अपार शक्तियां हैं क्योकि ये लोगों के प्रतिनिधि हैं। श्री पठानिया ने कहा कि आज टैक्नोलोजी का जमाना है तकनीक ने अब जनता, जन-प्रतिनिधि तथा संसदीय ढ़ाचों को बहुत नजदीक लाया है। श्री पठानिया ने कहा कि डिजिटल मीडिया, संसद तथा विधान सभाओं की कार्यावाही का सीधा प्रसारण होने से जनता की लोकतांत्रिक व्यवस्था की ओर रूची बढी है तथा जनता /नागरिक का अपने जन-प्रतिनिधियों से कई विषयों पर सीधा संवाद हो रहा है। हिमाचल प्रदेश विधान सभा देश की सर्वप्रथम पेपरलैस तकनीक युक्त ई-प्रणाली है जिससे जनता का जन-प्रतिनिधियों से सीधा संवाद हो रहा है आज सदन में कोई भी जन-प्रतिनिध अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को उठाता है तो जनता ई-विधान प्रणाली की वजह से अपने नेता के सम्बोधन का विडियो सोशल मिडिया पर देखती है और उस पर टिप्पणी भी करती है उससे एहसास होता है कि आप कितने सही जा रहे है तथा क्या जनता आप के मत से संतुष्ट है या नहीं। आज आप कोई भी कानून बनाये उस पर जनता की मोहर लगाना जरूरी है ताकि उसका फायदा उस इन्सान तक पहुंचे जो पंक्ति में सबसे आखिर में खडा है।

श्री पठानिया ने कहा है कि ई-विधान प्रणाली के अस्त्तिव में आने से विधायकों के कार्य में निपुणता, पारदर्शिता, उत्कृष्टता तथा जबावदेही में बढोतरी हुई है तथा इससे संसदीय प्रणाली को और मजबूती मिली है। श्री पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा में जहां सदन में ई-विधान प्रणाली को स्थापित किया है वहीं निर्वाचन क्षेत्रों के कार्य में दक्षता लाने के लिए ई -निर्वाचन क्षेत्र प्रबन्धन प्रणाली को विकसित किया गया है। समितियों के कार्य में निपुणता तथा पारदर्शिता लाने के लिए ई-समिति तथा विधायक ई-प्रणाली के माध्यम से अपने तथा जनता व जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे अधिकारियों से सीधे सम्पर्क कर रहे हैं तथा उनकी जबावदेही सुनिश्चित कर रहे है।

श्री पठानिया ने कहा है कि संसद केवल एक गतिशील संस्था के रूप में प्रसंगिक है जो समय की बदलती जरूरतों के लिए अपने कार्यों और प्रतिभाओं को हमेशा समायोजित करती है। उन्होंने कहा कि राजनीति में महिलाओं, शोधकर्ताओं, छात्रों तथा उन चिकित्सकों की भागीदारी भी सुनिश्चित भी करनी होगी जो राजनीति में रूचि रखते हो उन्हें भी I-Know ऑन लाईन राजनीति के माध्यम से जोड़ना होगा ताकि हम सभी के सहयोग से किसी उचित निष्कर्ष पर पहुंच सकें ।

श्री पठानिया ने कहा कि हमें शीध्र ही ठोस कदम उठाने होंगे ताकि हम निश्चित रूप से संसद और राज्य विधान सभाओं को अधिक पारदर्शी तथा बडे पैमाने पर आज जनता के लिए सुलभ बनाने में सक्षम होंगे।

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री पठानिया ने कहा कि सांसदों का लोक सभा तथा विधायकों का विधान सभाओं में आचरण श्रेष्ठ रहना चाहिए और टेलीबिजन पर प्रसारण के माध्यम से उनके आचरण को और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता होगी ताकि हम आने वाली पीढी को सही दिशा में ले जा सकें ।

इस अवसर पर सदन में लोक सभा के माननीय अध्यक्ष तथा राष्ट्रमण्डनल सम्मेलन इण्डिया के चेयरमैन श्री ओम बिरला, राज्य सभा के माननीय उप-सभापति श्री हरिबश, सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमंग (गोले), सिक्किम विधान सभा के अध्यक्ष श्री अरूण कुमार उप्रेती, सिक्किम विधान सभा के उपाध्यक्ष श्री सांगे लेप्चा तथा सात उत्तर पूर्वी राज्यों की विधान सभाओं के अध्यक्ष, पंजाब, उत्तराखण्ड, तथा तेलंगाना की विधान सभाओं के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष भी मौजूद थे।

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