अंधाधुंध पेड़ों की कटाई बढ़ रही आपदा की घटनाएं: भट्ट

गोपेश्वर। ऑल वेदर रोड निर्माण में हो रहे अंधाधुंध पेड़ों के कटान से पर्यावरणविदों के माथे पर चिंता की लंकीरें साफ झलकने लगी हैं। उनकी यह चिंता सार्वजनिक मंचों पर भी देखी जा रही है। शनिवार को पर्यावरण कार्यकर्ता आलम सिंह बिष्ट की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् चंडीप्रसाद भट्ट ने कहा कि आल वेदर रोड़ के नाम पर जो अंधाधुंध पेड़ काटे जा रहे हैं। यह स्थिति सही नहीं है। अनियंत्रित पेड़ों का कटान वर्ष 2013 जैसी आपदा का कारण बन सकती है। मानव विकास भी जरूरी है लेकिन पर्यावरण का संरक्षण भी जरूरी है। 
चंडीप्रसाद भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र की ओर से शनिवार को राजकीय इंटर कॉलेज बैरागना में आलम सिंह बिष्ट स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट व बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में चंडी प्रसाद भट्ट ने चिपको आंदोलन में सहयोगी रहे आलम सिंह बिष्ट व चक्रधर तिवारी को श्रद्धांजली दी। कहा कि आलम सिंह बिष्ट की चिपको आंदोलन में सक्रियता के चलते ही आज भी मंडल घाटी में वन संरक्षित हैं। उन्होंने पहाड़ों में किये जा रहे विकास कार्यों में पर्यावरण समन्वय की जरूरत पर जोर दिया। ऑल वेदर रोड को जहां समय की मांग बताया। वहीं योजना में बेतरतीब तरीके से काटे गये पेड़ों से हो रहे पर्यावरणीय नुकसान से आपदाओं को न्योता देने की बात कही। 
भट्ट ने कहा कि वनों के संरक्षण को लेकर वन विभाग और सरकारों स्थानीय लोगों की भूमिका निर्धारित करते हुए योजनाएं बनाने की बात कही। वनों के संरक्षण के लिये लोगों के सीधे जुडाव का जीता जागता उदाहरण चिपको आंदोलन है। कार्यक्रम में आलम सिंह बिष्ट की पुत्रवधू उमा देवी को शाल देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रधानाचार्य जगदीश सेमवाल, केंद्र के न्यासी ओम प्रकाश भगत सिंह बिष्ट, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, महावीर सिंह बिष्ट, धर्मेन्द्र तिवाडी आदि मौजूद रहे।

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