अब तक के चार चरण के चुनाव में भाजपा विरोधी लहर ने पकड़ा जोर: श्रुति
भिवानी । भिवानी-महेंद्रगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार श्रुति चौधरी ने कहा है कि जनता को ऐसा उम्मीदवार चुनना चाहिए तो कि संसद में उनकी आवाज बुलंद कर सके और क्षेत्र की समस्याओं का निवारण करवा सके न कि ऐसा उम्मीदवार जो पांच वर्षों बाद आकर कहे कि वह काम करने में विफल रहा है और फिर भी उसे दोबारा चुनकर संसद में भिजवा दो। उन्होंने कहा कि आज समुचे देश में भाजपा के खिलाफ माहौल है और चार चरण के अब तक हुए चुनाव में भाजपा की जमीन खिसक चुकी है।
आज तोशाम क्षेत्र के तोशाम, बागनवाला, डाडम, सरल, छपार, बिड़ोला, बादलवाला, थिलोड़, आलमपुर, खरकड़ी, दुल्हेड़ी, निगाना, धारण सहित तीन दर्जन गांवों में सभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक सांसद की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने क्षेत्र की समस्याओं, जरूरतों से अच्छी तरह से रूबरू हो ताकि संसद में अपने क्षेत्र की बात जोर शोर से उठा सके। लेकिन बड़े दु:ख की बात है कि हमारे भिवानी-महेंद्रगढ़ की जनता ने जिस जनप्रतिनिधि को भारी बहुमत से जिताकर संसद भेजा उस सांसद ने क्षेत्र की समस्याओं, जरूरतों को सही ढंग से न तो संसद में उठाया बल्कि लोगों की उम्मीद और विश्वास को भी यह कहते हुए तोड़ दिया कि सांसद पद के लिए वह काबिल नहीं है। कांग्रेस नेता श्रुति चौधरी ने कहा कि भिवानी-महेंद्रगढ़ क्षेत्र में 9 हलके है। और एक सांसद की जिम्मेदारी होती है कि वह 9 हलकों की आवाज लोकतंत्र के मंदिर में बुलंद करें। श्रुति चौधरी ने आज तोशाम में एक विशाल रोड़ शो भी किया तथा लोगों से वोट की अपील की। उन्होंने कहा कि जनता अब भली-भांति समझ चुकी है कि जिस जनप्रतिनिधि पर उन्होंने आँख मूंद के विश्वास किया वह उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और इस लोकसभा चुनाव में जनता का पूरा समर्थन कांग्रेस पार्टी के साथ है और उन्हें विश्वास है कि इस बार जनता भारी बहुमत से अपना बहुमूल्य वोट देकर उन्हें संसद भेजेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह चौधरी बंसीलाल के समय में विधुतिकरण, सबक पानी आदि पहुंचाकर व चहुंमुखी विकास कर उन्होंने अपना नाम विकास पुरुष के रुप में अंकित कराया है। ठीक उसी प्रकार जनता से आशीर्वाद प्राप्ति के बाद वे चौधरी बंसीलाल जी के द्वारा दिखाए गए विकास के पथ पर चलकर क्षेत्र का चहुंमुखी विकास कर पूरे प्रदेश के सामने उदाहरण प्रस्तुत करेंगी। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि लोगों के जीवनस्तर में बदलाव लाना ही उनके राजनीतिक जीवन का लक्ष्य है।