इनसाइडर ट्रेडिंग की सूचना देने पर मिलेगा एक करोड़ का इनाम

मुंबई । बाजार नियामक सेबी की ओर से शेयर बाजार के निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी में है। नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने की प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा। पूंजी बाजार नियामक सेबी की ओर से क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर कड़ी निगरानी रखने के साथ ही कंपनियों में भेदिया कारोबार की जानकारी देने वालों को एक करोड़ रुपये तक का पुरस्कार देने का भी फैसला कर सकता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास भेदिया कारोबार के बारे में सूचना देने वालों को एक करोड़ रुपये तक का पुरस्कार देने का भी प्रस्ताव भेजा गया है। गोपनीय सूचना देने के लिए एक अलग हॉटलाइन शुरू करने का भी प्रस्ताव है। जांच में सहयोग करने पर मामूली गलतियों के लिए माफी अथवा निपटान समझौता भी किया जा सकेगा। इसके अलावा नगर निगमों द्वारा धन जुटाने के लिए जारी किए जाने वाले ‘मनी बॉन्ड’ के मामले में भी नियमों को सरल बनाने की योजना बना रहा है। स्मार्ट शहरों के विकास कार्यों में शामिल कंपनियों को भी मनी बॉन्ड जारी करने की अनुमति देने पर विचार किया जा रहा है। कार्पोरेशन संस्थाओं को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराया जा सकेगा, जिसके बाद ओपन मार्केट से पूंजी एकत्रित कर सकेंगे।
सेबी ने बैंकों को भी कड़ा निर्देश दिया है। बैंकों को अपने ग्राहकों से जुड़ी सूचनाओं को ‘ग्राहक गोपनीयता’ का हवाला देते हुए सावर्जनिक नहीं करने और उनके कर्ज भुगतान में असफल रहने जैसी सूचनाओं को बाजार नियामक के साथ साझा नहीं करने पर भी नाराजगी जताते हुए सेबी इस नियमों को भी कड़ा करने जा रहा है।
सेबी की ओर से रेटिंग एजेंसियों पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है। सेबी के नियमों में संशोधन का प्रस्ताव है। रेटिंग एजेंसियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वह किसी भी सूचीबद्ध अथवा गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को रेटिंग देने से पहले उनके मौजूदा और भविष्य में लिए जाने वाले कर्ज के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त करेगी और सही रिपोर्ट बनाएंगी। आईएल एंड एफएस मामला सामने आने के बाद रेटिंग एजेंसियां संदेह के घेरे में आ गई हैं। म्यूचुअल फंड को बिना रेटिंग वाली ऋण प्रतिभूतियों में 25 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत पर लाने पर भी फैसला किया जाएगा।

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