इन्दिरा गांधी की दूरदर्शिता,कुशल और सक्षम नेतृत्व ने देश को एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया:पूर्व उप मुख्यमंत्री

चंडीगढ़ । चन्द्र मोहन व विधायक कालका प्रदीप चौधरी ने कहा कि आज हमारे लिए एक महान् दिवस देश की दो महान विभूतियों को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आज जहां पूर्व प्रधानमंत्री और आयरन लेडी भारत रत्न इन्दिरा गांधी की 37 वीं पुण्यतिथि है वहीं देश के पहले उपप्रधानमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 146 वीं जन्म जयंती भी है।चन्द्र मोहन आज बिश्नोई भवन में इन्दिरा गांधी की पुण्यतिथि और सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।इन्दिरा गांधी की दूरदर्शिता ,कुशल और सक्षम नेतृत्व ने देश को एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया। यह श्रीमती इंदिरा गांधी का सक्षम नेतृत्व ही था, जिसने सन् 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े करके एक नया देश बंगला देश बना दिया । विश्व के सारे देश उनके नेतृत्व को एक करिश्माई समझते थे और यही कारण है कि भारत की विदेश नीति के सभी कायल थे।उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, लेकिन देश की आन-बान और शान पर कभी भी आंच नहीं आने दी। देश प्रेम का इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता है कि उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले आखरी भाषण में कहा था कि उनकी मृत्यु के पश्चात् उनकी अस्थियों को सारे देश में फैला देना ताकि देश की एकता और अखंडता संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखा जा सके। आज सारे देश में राष्ट्रीय एकता दिवस भी मनाया जा रहा है। जो देश को एकता के सूत्र में बांधने का एक मात्र मूल मंत्र है।

       विधायक कालका प्रदीप चौधरी ने कहा कि बलिदान की परम्परा नेहरू-गांधी परिवार को विरासत में मिली है । इन्दिरा गांधी के पश्चात राजीव गांधी ने भी देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया है और इसी प्रकार से त्याग की प्रतिमूर्ति अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने भी किस प्रकार से प्रधानमंत्री के पद को त्याग कर एक अनूठा उदाहरण देश के सामने प्रस्तुत किया है।  आज सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती भी है , जिन्होंने देश को सुदृढ़ करने में अंहम योगदान दिया। देश की 600 देशी रियासतों को एक-एक करके भारत के संघवाद में विलय करके देश को एक सुदृढ़ पृष्ठभूमि प्रदान की 31 अक्टूबर 1875 को पिता झावेर भाई पटेल और मां लाडबा पटेल के घर पैदा हुए पटेल 1917 में महात्मा गांधी जी के सम्पर्क में आए और बिर्टिश राज्य के विरोध में अहिंसक नागरिक अवज्ञा आन्दोलन चलाया। जिसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं।उन्होंने कहा कि पटेल को सरदार की उपाधि से गुजरात के बारदोली ताल्लुका के जनमानस ने सरदार नाम की उपाधि देकर उपकृत किया और उनका नाम सरदार वल्लभ भाई पटेल पड़ गया। इसी प्रकार उनके द्वारा देश को एक जूट करने में अमूल्य योगदान रहा है।उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में बांधने के साथ साथ आपस में मिल जूल कर रहने की भी वकालत की थी, लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी ने किस प्रकार से देश में साम्प्रदायिक सद्भाव और सौहार्द्र को बिगाड़ने का प्रयास किया है। इससे आम आदमी बड़ा ही चिंतित है । इस अराजकता का मुकाबला हम सभी मिलकर ही कर सकते हैं ‌। देश को तोड़ने वाली शक्तियों का डटकर विरोध करेंगे तभी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी के सपनों को साकार किया जा सकेगा। चन्द्रमोहन ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में महंगाई चरम पर है, देश का किसान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। बेरोजगारी ने पिछले 45 साल का रिकॉर्ड तोड दिया है। देश की अमूल्य सम्पत्तियो को औने-पौने दामों में औद्योगिक घरानों को बेचा जा रहा है। देश में भूखमरी निरन्तर बढ़ रही है। देश के करोड़ों लोग रात को भूखे सोते हैं। ऐसे हालात में गरीब व्यक्ति का जीना दुश्वार हो गया है।उन्होंने आह्वान किया कि आज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का यह दायित्व है कि वह देश को इस विभिषिका से छूटकारा दिलवाने के लिए और डीजल पेट्रोल और सीएनजी तथा रसोई गैस सिलेंडर की लूट से देश को बचाने के लिए एक जूट होकर संघर्ष करें तभी देश को अराजकता के इस वातावरण से मुक्ति मिल सकती है।

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