उपायुक्त ने आगामी मानसून के मौसम में संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये की जा रही तैयारियों की करी समीक्षा

-जिला में चलाई जा रही विभिन्न बाढ़ नियंत्रण योजनाओं को 30 जून तक पूरा करने के दिये निर्देश

-उपायुक्त 15 जून को बाढ़ नियंत्रण योजनाओं का करेंगे निरीक्षण

-बरसात के मौसम में घग्गर और अन्य नालों में पानी के स्तर बढ़ने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिये पुलिस विभाग को नियमित पैट्रोलिंग करने के दिये निर्देश

पंचकूला। उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने सिंचाई एवं जल संसाधान विभाग के अधिकारियों को जिला में चलाई जा रही विभिन्न बाढ़ नियंत्रण योजनाओं को 30 जून तक पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वे 15 जून को बाढ़ नियंत्रण योजनाओं का निरीक्षण करेंगे।
श्री महावीर कौशिक आज लघु सचिवालय के सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ आगामी मानसून के मौसम में संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये की जा रही तैयारियों की समीक्षा के लिये आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उपायुक्त ने कहा कि पिछले मानसून के मौसम में जिला में बरसात की वजह से हुये नुकसान का आंकलन करने के उपरांत विभिन्न गांवों के लिये लगभग 3 करोड़ रुपये की 12 बाढ़ नियंत्रण योजनायें तैयार की गई थी। इन योजनाओं को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा राज्य सूखा राहत व बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में स्वीकृति प्रदान की जा चुकी हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि इन सभी योजनाओं पर युद्ध स्तर पर कार्य करते हुये इन्हें 30 जून से पहले पूरा किया जाये।
उन्होंने सिंचाई विभाग को सिंह नाला, बिटना ड्रेन, सुखना ड्रेन और इशांन नगर ड्रेन की साफ सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये ताकि बरसात के मौसम में इन नालों में पानी अपने स्तर से उपर ना जायें। इसी प्रकार उन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और नगर निगम को भी उनके अधीन आने वाले सीवरेज और ड्रेन की मरम्मत व साफ सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि गत वर्ष की तरह अभयपुर सेक्टर-19 में सीवर ओवर फ्लो की समस्या ना आये ताकि स्थानीय लोगों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग (भवन व सड़कें) द्वारा सड़कों के मरम्मत का कार्य बरसात शुरू होने से पहले पूर्ण कर लिया जाये।
श्री महावीर कौशिक ने निर्देश दिये कि तहसीलदार सुनिश्चित करें कि बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिये आपदा प्रबंधन के लिये आवश्यक मशीने व उपकरण जैसे कश्तियां, ओबीएम मशीन, लाईफ जैकेट, चपु आदि प्रयोग करने की स्थिति में हो। इसके अलावा गौताखोरों के नाम और संपर्क नंबर की सूची भी अपडेट की जायें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सेवायें ली जा सके। उन्होंने कहा कि बरसात का मौसम शुरू होने से पहले सेना, रेलवेज, स्वैच्छिक एजेंसियां और गैर सरकारी संगठनों से तालमेल स्थापित किया जायें। उन्होंने कहा कि जिला में संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की जाए ताकि वहाँ समय रहते सभी आवश्यक प्रबंध पूरे किए जा सकें।
श्री महावीर कौशिक ने कहा कि बरसात के मौसम में घग्गर और अन्य नालों में पानी के स्तर बढ़ने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिये पुलिस विभाग द्वारा ऐसे स्थानों पर नियमित तौर पर पैट्रोलिंग की जाये और आस पास के क्षेत्रों से बच्चों व मवेशियों को इन जगहों पर आने से रोका जायें। उन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, नगर निगम और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने विभागों में डीवाॅटरिंग पंप की उपलब्धता की रिपोर्ट प्रस्तुत करें और यह भी बतायें कि इनमें से कितने प्रयोग करने की स्थिति में हैं।
इस अवसर पर एसडीएम पंचकूला ऋचा राठी, एसडीएम कालका रूचि सिंह बेदी, जिला राजस्व अधिकारी नरेश जोवल, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक नीरज शर्मा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता अमित राठी, डीआईओ सतपाल शर्मा, एसीपी कालका मुकेश, रेडक्राॅस सोसायटी पंचकूला की सचिव सविता अग्रवाल, नायब तहसीलदार हरदेव सिंह, जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के एसडीई धमेंद्र सिंह, सिंचाई विभाग के सहायक परियोजना अधिकारी एसके शर्मा और एएसओ उपेंद्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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