ऑटो के बाद टेक्सटाइल सेक्टर में मंदी की आहट

नई दिल्ली । देश में रोजगार देने वाले दूसरे सबसे बड़े सेक्टर कपड़ा उद्योग  मंदी की चपेट में आ गया है। घरेलू टेक्सटाइल मिलों के संगठन का दावा है कि न सिर्फ बड़ी तादाद में नौकरियां खत्म हो रही हैं, बल्कि देशभर में एक-तिहाई मिलें बंद हो चुकी हैं।नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल मिल्स कॉरपोरेशन (एनआईटीएमए) का दावा है कि भारतीय स्पिनिंग उद्योग इस वक्त सबसे बड़े संकट से गुज़र रहा है, जिसके कारण बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो रही हैं। भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब दस करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यह कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला समूह है। ऐसे में बड़े पैमाने पर लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है। नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि तत्काल कोई कदम उठाकर नौकरियां जानें से बचाएं और इस इंडस्ट्री को गैर निष्पादित संपत्त‍ि (एनपीए) होने से रोकें।घरेलू टेक्सटाइल को सबसे ज्यादा नुकसान श्रीलंका, इंडोनेशिया और बांग्लादेश जैसे देशों के सस्ते कपड़ा आयात से हो रहा है। साथ ही कर्ज पर ऊंची ब्याज दर, कच्चे माल की ऊंची लागत, कपड़ों और यार्न के सस्ते आयात जैसी कई समस्याओं से तबाह हो रहा है यह उद्योग। देश में कपड़ा उद्योग पर पड़ रही आर्थिक मंदी पर 35 फीसदी लोगों ने चिंता बताई है।उल्लेखनीय है कि हाल के चार -पांच महीनों से ऑटो सेक्टर में आयी जोरदार मंदी और बिक्री के 30-35 प्रतिशत तक कम होने की ख़बरें आती रही थीं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुज़ुकी समेत ह्यूंडई, महिंद्रा, हॉन्डा कार और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स जैसी प्रमुख वाहन कंपनियों की बिक्री में जुलाई में दहाई अंक की गिरावट दर्ज की गई थी।देशभर में सैकड़ों डीलरशिप बंद हो गई हैं। 

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