*कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न :रोकथाम, निषेध व निवारण’ अधिनियम 2013 हर महिला को गरिमा के साथ कार्य करने का हक़ देता है :प्रियंका पुनिया*

चंडीगढ़:~प्राथि‍मक प्रशिक्षण केन्‍द,भानू,पंचकुला (हरियाणा) में ए पी एस निम्बाडीया महानिरीक्षक प्राथि‍मक प्रशिक्षण केन्‍द, के कुशल मार्गदर्शन में पाई अकैडमी पंचकुला द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न :रोकथाम, निषेध व निवारण’ अधिनियम 2013 से सम्‍बन्धित व्यक्तव्य का आयोजन किया गया । पाई अकैडमी की फाउंडर श्रीमती प्रियंका पुनिया जो एक शिक्षाविद, एंटर प्रेन्‍योर तथा समाज सेविका हैं उन्होंने पास आउट के लिए तैयार लगभग 200 महिला कांस्टेबलों को अपने व्यक्तव्य से जागरूक किया । श्रीमती पुनिया ने इस अवसर भँवरी देवी केस का ज़िक्र करते हुए कहा कि कैसे उस एक महिला के संघर्ष के कारण भारत में सभी महिलाओं को कार्यस्थल पर गरिमामयी तरीक़े से कार्य करने में सक्षम करने वाला ये क़ानून लागू हुआ ।
उन्होंने विस्तारपूर्वक इस क़ानून को समझाते हुए महिला कांस्टेबलों को जागृत किया कि क़ानून की नज़र में सब एक समान है । कोई भी व्यक्ति किसी भी ओहदे पर है , उस पर ये क़ानून लागू होता है । इसलिए आज निर्भीक हो कर महिलायें अपने कार्यक्षेत्र पर अपना कार्य कर सकती है ।उन्होंने इस क़ानून के तहत सभी नियम , अवधि तथा सज़ा को विस्तारपूर्वक समझाया । श्रीमती पुनिया ने सभी से आग्रह किया कि वो अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार के विरूद्ध कभी भी चुप ना रहे ।उन्हें आगे आ कर इसके लिए न्याय की लड़ाई लड़नी चाहिए । प्राथमिक प्रशिक्षण केन्‍द,भानू, के महानिरीक्षक ए पी एस निम्बाडीया ने कहा कि वे एक पिता की भाँति चाहते हैं कि हर महिला कांस्टेबल यहाँ से जाकर निर्भीक और समझदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे ।उन्होंने श्रीमती पुनिया के सामाजिक जागरूकता फैलाने के प्रयासों की सराहना की ।अपनी महिला इस कार्यशाल में प्राथमिक प्रशिक्षण केन्‍द्र भानू भारत तिब्‍बत सीमा पुलिस बल की महिला अधिकारी डॉक्टर वैजू तथा सुमन ने भी भाग लिया गया ।

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