किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए किसानों को भी जागरूक होना पड़ेगा। किसान कृषि में नवाचार लाए और दूसरों को भी जागरुक करे।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की ओर से आयोजित इनोवेटिव फार्मर्स मीट में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि देश की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर करती है। यह कार्यक्रम किसानों की आय दोगुनी करने के तहत आयोजित है। 
उन्होंने कहा कि 2014 में सरकार में आने के बाद पहला कदम किसानों के लिए मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना थी। इसके चमत्कारी परिणाम सामने आए हैं। दो साल में साढ़े तीन करोड़ किसनों का मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड बनाया गया है। अभी भी किसान को व्यापक जागरूकता की जरूरत है। खेत को जिस तत्व की जरूरत है, उसी की आपूर्ति करें, देखा देखी न करें। इससे उर्वरता पर असर पड़ता है, लागत बढ़ती है। साथ ही उत्पादन पर भी असर पड़ता है, जिससे किसान को अपेक्षित मुनाफा नहीं हो पाता है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में अनेक योजनाएं शुरू हुईं। आज किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत छह हजार दिए जा रहे हैं। सारी योजनाओं का उद्देश्य है कि किसानों को किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े। सही समय पर सही तकनीक की व्यवस्था की जा रही है। एकीकृत खेती के बारे के जानकारी दी जा रही है। 2022 तक आय को दोगुना किया जा सके, इसके लिए किसान को तैयार करना है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सीआईआई जैसी संस्थाएं सामने आ रही हैं, उद्योग जगत सामने आया है। अब कह सकते हैं कि किसानों की आय दोगुनी करने में कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1460 रुपये था। खरीद की व्यवस्था नहीं थी। हमने पहले वर्ष 37 लाख मीट्रिक टन, दूसरे साल 52 लाख मीट्रिक टन खरीददारी की। आज न्यूनतम समर्थन मूल्य 1860 रुपये दिया जा रहा है। हमने लागत का डेढ़ गुना देने को कहा था, आज दोगुना देने की स्थिति में आ गये हैं।  पहली बार आलू का समर्थन मूल्य घोषित किया गया। इस देश में बहुत सारी संभावनाएं हैं। हम नई तकनीक लेने में संकोच करते हैं। 
उन्होंने कहा कि बाणसागर परियोजना चालीस वर्ष से पूरी नहीं थी। हमने एक वर्ष में पूरा करने को कहा। इसे प्रधानमंत्री से लोकार्पित कराया। इससे डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो रही है। ड्रिप इरिगेशन से जोड़कर इसे करीब चार लाख हेक्टेयर तक पहुंचा सकते हैं। जागरूकता के अभाव के लिए शासकीय संस्थाएं और किसान दोनों जिम्मेदार हैं। 
मुख्यमंत्री ने एकीकृत खेती से आय बढ़ाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि खेती के साथ पशुपालन, मछली पालन करें, सब्जी बोयें। बस एक बार मेहनत करने की जरूरत है। दुग्ध समितियां गांव-गांव में स्थापित करेंगे। 14 डेयरी या तो आरभ हो गयी हैं या हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिपराइच व मुंडेरवा में चीनी मिल स्थापित की गई हैं। यहां जितनी जरूरत होगी, उतनी चीनी बनाएंगे, शेष से एथेनॉल बनाया जायेगा।

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