*गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर शमशील रचित पंजाबी काव्य संग्रह मन दियाँ लिखतां का हुआ लोकार्पण*

चंडीगढ़ : आपदाओं में अवसर तलाशने में बिना एक दिन की देरी किये धनास के सरकारी स्कुल के शिक्षक  शमशील ने   मन दियाँ लिखतां नामक पंजाबी 183 कविताओं को 22मार्च से लिखना शुरू कर, पिरोया काव्य संग्रह। जीवन दर्शन ,पर्यावरण , संस्कृति व संस्कार हमारी धरोहर है व धीरे धीरे लुप्त होते जा रहे हैं  , इन्हें बचाने की आवश्यकताओं को लेकर दे रही हैं गहरा  सन्देश  धनास चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल के इंग्लिश के शिक्षक शमशील सिंह सोढ़ी की कविताएं।

 शमशील ने समय का सदुपयोग करते हुए लॉक डाउन में  अवसर तलाश कर  इम्पोर्टेन्ट मेसेज समाज में  जागरकता फैलाने के उद्देश्य से लिखी कविताओं से   । शमशील का कहना है कि आजकल की पीढ़ी हमारी संस्कृति, संस्कार, पर्यावरण संरक्षण, बड़ों का आदर सत्कार, पुस्तकों से प्रेम आदि भुला कर पाश्चात्य देशों की संस्कृति की नकल कर रही है। इससे उनका दिल दुखता है इसीलिए उनके मन की पीड़ा को अपनी किताबों में बयान किया है ।

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