चीन ने भी कश्मीर पर अमेरिकी मध्यस्थता का समर्थन कियाः पाक

पाक मीडिया का दावा, कश्मीर मुद्दे पर दुनिया सरगर्म हो गई

मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट के जवाब तलब किए जाने की खबर छाई

 नई दिल्ली । इमरान खान के हालिया अमेरिका दौरे में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश किए जाने को पाकिस्तान अपनी बड़ी कामियाबी मान रहा है। हालांकि इस पर भारत ने दो टूक शब्दों में अपना पक्ष रखा है। इसके बावजूद पाकिस्तान दुनिया के सामने दुहाई देता फिर रहा है। चीन द्वारा भारत-पाक सम्बंधों में सुधार के लिए अमेरिका समेत पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका का समर्थन किए जाने की बात को भी पाकिस्तानी मीडिया अपनी तरह से व्याख्या कर रही है। दूसरी तरफ तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यब रजब एर्दोगान के साथ फोन पर हुई बातचीत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कश्मीर का मुद्दा उठाया। पाकिस्तान से शनिवार को प्रकाशित अधिकतर अखबारों ने इन दोनों समाचारों को अपने प्रथम पृष्ठ पर जगह दी है। दैनिक जंग और नवाएवक्त जैसे प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों ने इसे सामान्य खबर के तौर पर छोटा स्पेस दिया है। इन समाचार-पत्राें के अनुसार शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीन, भारत और पाक का संयुक्त तौर पर पड़ोसी देश है। उसकी इच्छा है कि दोनों भाईचारे से रहें और शांतिपूर्ण तरीके से कश्मीर समेत सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करें। वह भारत-पाक सम्बंधों में बेहतरी के लिए अमेरिका समेत पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका का समर्थक है।रोजनामा दुनिया ने इसे भारत की एक और कूटनीतिक हार करार दिया है। आगे अखबार लिखता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तन्हाई का शिकार होने लगा। ‘एक्सप्रेस न्यूज’ ने इसे ‘कश्मीर मुद्दे पर दुनिया सरगर्म’ के शीर्षक से चलाया है। अखबार ने चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता के बयान के साथ ही इमरान खान और एर्दोगान के बीच हुई बातचीत को भी जोड़कर प्रकाशित किया है, जबकि तुर्की राष्ट्रपति तैय्यब रजब एर्दोगान से टेलिफोन पर हुई बातचीत के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाए जाने को दैनिक जंग, नवाएवक्त और पाकिस्तान ने अलग से प्रकाशित किया है।इसके अलावा भारत में हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र समेत 10 प्रदेश सरकारों से जवाब तलब किए जाने को भी कुछ पाकिस्तानी समाचार-पत्रों ने अपने यहां जगह दी है। रोजनामा दुनिया ने जहां इसे अपने पहले पन्ने पर जगह दी है, वहीं न्यूज एक्सप्रेस ने इसे अपने अंदरूनी पन्ने पर प्रकाशित किया है। दैनिक जंग ने भारत द्वारा दहशतगर्दी के खात्मे के लिए पाकिस्तान को मदद की पेशकश किए जाने को अपने प्रथम पृष्ठ पर जगह दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक इंटरव्यू के हवाले से छपी इस खबर में उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपनी सरजमीन पर आतंकियों की मौजूदगी को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि बालाकोट कार्रवाई पर हमने पाकिस्तानी फौज या उसकी संप्रभुता पर हमला नहीं किया। इसमें उन्हाेंने पाकिस्तान को उसकी सरजमीन पर दहशतगर्दी खत्म करने के लिए मदद की पेशकश की है।इसके अलावा ‘जंग’ ने पाकिस्तानी जेल में कैद कुलभूषण जाधव के परिवारवालों की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात को अपने देश-दुनिया के पन्ने पर जगह दी है। इस दौरान उन्होंने सुषमा स्वराज से जाधव की सुरक्षित भारत वापसी के लिए भूमिका अदा करने और जाधव से मिलने के लिए पाकिस्तान का वीजा दिलवाने की मांग की। नवाएवक्त ने विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के जरिए लोकसभा में भारत-पाक सम्बंधों पर दिए गए बयान को अपने पहले पन्ने पर जगह दी है। इसमें उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे पड़ोसी के रिश्ते चाहता है और इस बात के लिए भी वचनबद्ध है कि सभी मुद्दों को द्विपक्षीय आधार पर हल किया जाए। इसके लिए शर्त यह है कि पाकिस्तान अपनी धरती पर मौजूद आतंकी ढांचे को समाप्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।उधर पाकिस्तान सरकार द्वारा विपक्ष के विरोध-प्रदर्शनों को न रोकने का निर्णल लिए जाने को भी कई समाचार-पत्रों ने अपना प्रमुख समाचार बनाया है।

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