चुनाव परिणामों के आंकड़ों में विसंगतियों की जांच के लिए निर्वाचन आयोग को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने 17वीं लोकसभा चुनाव परिणामों में चुनाव आंकड़ों में विसंगतियों की जांच करने के लिए दायर याचिका पर निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने दायर याचिका में वोटों की सटीक गिनती के बाद ही रिजल्ट घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि किसी भी चुनाव के अंतिम परिणाम की घोषणा से पहले मतदान और मतगणना के आंकड़ों का वास्तविक और सटीक सामंजस्य स्थापित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट निर्वाचन आयोग को ये दिशानिर्देश जारी करे कि भविष्य के सभी चुनावों की जांच के लिए एक मजबूत प्रक्रिया तैयार करे। याचिका में कहा गया है कि चुनावों की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह जरुरी है कि चुनाव परिणाम एकदम सटीक हों और इस पर जनता का भरोसा होना चाहिए। अगर चुनाव प्रक्रिया अविश्वसनीय हो जाएगी तो चुनावी प्रक्रिया का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए और यह स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए। याचिका में 2019 के आम चुनाव के दौरान सभी 542 निर्वाचन क्षेत्रों की उन खबरों का हवाला दिया गया है जिसमें गायब हुई ईवीएम का जिक्र किया गया है। याचिका में कहा गया है कि कई मौकों पर निर्वाचन आयोग ने 2019 के लोकसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद अपनी वेबसाइट के साथ-साथ अपने ऐप में वोटिंग का डाटा बदल दिया था। ये बदलाव कई गड़बड़ियों को छिपाने की कोशिश हो सकती है। याचिका में कहा गया है कि 542 निर्वाचन क्षेत्रों में 347 सीटों पर मतदान और मतगणना में विसंगतियां थीं। ये विसंगतियां एक वोट से लेकर एक लाख से ज्यादा वोटों तक हुई थीं। छह सीटें ऐसी हैं जहां वोटों की विसंगति जीत के अंतर से अधिक है।

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