देश को महाशक्ति की बजाय विश्व गुरु बनाने पर फोकस रखे युवा पीढ़ी : राजनाथ सिंह

केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने एनआईटी के 17वें दीक्षांत समारोह में पीएचडी के विद्यार्थियों को दी डिग्री
कुरुक्षेत्र । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ-साथ चरित्रवान और संस्कारवान बनाना जरूरी है। दुनिया में भारत ही एक ऐसा इकलौता देश है जहां ऋषि-मुनियों से संस्कारों की शिक्षा मिली और इन ऋषि-मुनियों ने पूरे विश्व को अपना परिवार समझा है। देश की युवा पीढ़ी को देश को विश्व की महाशक्ति बनाने की बजाय विश्व गुरु बनाने पर पूरा फोकस रखना होगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के प्रागंण में आयोजित 17वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने विभिन्न संकायाओं में पीएचडी की डिग्री प्रदान की और विभिन्न संकायाओं में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले 100 विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में एक्सिस एयरोस्पेस एंड टेक्नोलॉजीज के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस रविनारायणन को निट की तरफ से डाक्टेरेट आफ फिलोसिपी की डिग्री प्रदान कर सम्मानित किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस संस्थान के साथ स्पेस तकनीक के लिए इसरो को सांझेदार बनाया गया है, यह छोटी बात नहीं है। आज इसरो नासा को पूरी तरह टक्कर देने का काम कर रहा है। इस पावन धरा हरियाणा की पावन भूमि पर कल्पना चावला और मिंटी अग्रवाल जैसी बेटियों ने पूरी दुनिया में नाम रोशन किया है। इस प्रदेश के हर गांव में सैनिक और सेना अधिकारी को जन्म देने का काम किया।

उन्होंने कहा कि बीटेक, एमटेक और अन्य डिग्रियों को हासिल करके विद्यार्थियों को नौकरी की तलाश न करके अपने आप को इस तरह से स्थापित करना है कि ये विद्यार्थी आने वाली पीढ़ी को नौकरियां देने का काम करें। जो विद्यार्थी स्टार्ट अप इंडिया के साथ जुड़कर काम करेगा, वह निश्चित ही देश की प्रगति में अपना योगदान देगा। केंद्र सरकार ने अब स्टार्ट अप इंडिया से जुड़कर शोध करने वाले विद्यार्थी की तकनीकी को सरकारी एजेंसी ही नहीं निजी एजेंसियाें ने भी तकनीक हंस्तारित करने की छूट दी है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि शिक्षित तो आंतकी भी होते हैं, लेकिन शिक्षा के साथ-साथ चरित्र और संस्कारों की शिक्षा हासिल करने के बाद ही एक अच्छे इंसान का निर्माण होता है और यह अच्छा इंसान ही देश की प्रगति में अपना योगदान दें सकता है।
राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डाॅ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि शिक्षा के इस मंदिर से बाहर जाने के बाद भी विद्यार्थियों को अपने विश्वास को कायम रखना है और अधिक उत्साह के साथ अपने क्षेत्र में काम करना है।
एक्सिस एयरोस्पेस एंड टेक्रोलॉजीज के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस रविनारायणन ने कहा कि डिग्री हासिल करने के बाद विद्यार्थी के एक नए जीवन की शुरुआत हुई है। निट के निदेशक पद्मश्री डाॅ. सतीश कुमार ने बताया कि दीक्षांत समारोह में 1339 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई हैं, जिसमें बैचलर आफ टेक्रोलॉजी की 847 डिग्रियां, मास्टर आफ टेक्रोलॉजी की 317 डिग्रियां, मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की 24 डिग्रियां, मास्टर आफ कम्पयूटर एप्लिकेशंस की 73, डिग्रियां और डाक्टर आफ फिलोसफी की 78 डिग्रिया प्रदान की गईं।

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