पराली जलाने वाले किसानों को नहीं मिलेगा कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ, होंगे ब्लैक लिस्ट
रोहतक । पराली व धान के अवशेष जलाने को लेकर हर साल प्रदेश सरकार को अदालत व एनजीटी की फटकार पड़ती है और वायु प्रदूषण में भी जबरदस्त इजाफा होता है। यहां तक कि दिल्ली सरकार तो प्रदूषण के लिए हरियाणा सरकार को दोषी ठहराती है। पराली जलाने से रोकने के लिए इस साल सरकार ने पूरी गंभीरता दिखाई है। साथ ही कृषि विभाग ने भी अब आवश्यक निर्देश जारी किए है। आदेशों में कहा गया है कि पराली व कृषि अवेशष जलाने वाले किसानों को विभाग ब्लैक लिस्ट में शामिल करेगा। साथ ही उन्हें विभाग से मिलने वाली लाभ योजनाओं से भी वंचित रखा जाएगा। समर मूंग का बीज भी अब उन किसानों को ही मिलेगा जो ब्लैक लिस्ट की सूची में शामिल नहीं होगे। दरअसल फतेहाबाद, करनाल, असंध, सिरसा, कैथल सहित प्रदेश के आठ जिलों में पराली व गेहूं के अवशेष जलाने के मामले सबसे अधिक सामने आए है। इसी को देखते हुए कृषि विभाग ने आदेश जारी किए है कि मुफ्त में दिए जाने वाला समर मूंग का बीज भी उन किसानों को नहीं मिलेगा, जिनका नाम पराली व अवशेष जलाने वालो की सूची में या इस संबंध में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. रोहताश ने बताया कि समर मूंग का बीज किसानों को मुफ्त दिया जा रहा है, लेकिन अवशेष जलाने वालों को यह बीज नहीं दिया जाएगा।